ICAR पर साइबर अटैक, कार्यकाल खत्म होने से 3 दिन पहले हटाए गए संस्थान प्रमुख

ICAR पर साइबर अटैक, कार्यकाल खत्म होने से 3 दिन पहले हटाए गए संस्थान प्रमुख

Cyber Attack: ICAR में भर्ती से लेकर अनुसंधान परियोजनाओं तक के महत्वपूर्ण डेटा का नुकसान हुआ है. इस नुकसान के कारण संगठन ने डेटा सेंटर के प्रभारी संस्थान के निदेशक पद से हटा दिया है.

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ICAR पर साइबर अटैक, कार्यकाल खत्म होने से 3 दिन पहले हटाए गए संस्थान प्रमुखICAR पर साइबर अटैक

इस साल की शुरुआत में हुए एक "साइबर हमले" के बाद, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) को नुकसान पहुंचा है. दरअसल, इस साइबर अटैक के बाद ICAR में भर्ती से लेकर अनुसंधान परियोजनाओं तक के महत्वपूर्ण डेटा का नुकसान हुआ है. इस नुकसान के कारण संगठन ने डेटा सेंटर के प्रभारी संस्थान के निदेशक पद से हटा दिया है. उन्हें इस पद से तब हटाया गया है जब उनके कार्यकाल के पूरा होने में मात्र तीन दिन बचा है. सूत्रों के अनुसार, देश के प्रमुख कृषि अनुसंधान संगठन ने इस उल्लंघन की जांच करने वाली एक जांच समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद अपनी कार्रवाई के तहत संस्थान से जुड़े दो प्रधान वैज्ञानिकों को भी हटा दिया है.

पद से हटाए गए डेटा सेंटर के प्रभारी

'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, डेटा चोरी खबर मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के पर छह सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है. 6 अक्टूबर को एक आधिकारिक निर्देश में भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईएएसआरआई) के लिए एक नए निदेशक की नियुक्ति की गई, जो आईसीएआर के अंतर्गत कार्य करता है और इसका डेटा सेंटर संचालित करता है. यह राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में कटौती के परिणामस्वरूप हुआ है, जिन्हें मूल रूप से 9 अक्टूबर तक इस पद पर बने रहना था.

इन्हें बनाया गया अंतरिम प्रभारी

आईसीएआर के आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी ने निर्णय लिया है कि डॉ. कैरम नरसैया, सहायक महानिदेशक (प्रक्रिया इंजीनियरिंग) अंतरिम व्यवस्था के रूप में अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे. वहीं, जब प्रसाद से पूछा गया कि क्या उन्हें डेटा उल्लंघन के कारण हटाया गया है, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता अधिकारियों से पूछिए.

कई लोगों का हुआ तबादला

इसके अलावा, दिल्ली स्थित आईएएसआरआई में कंप्यूटर अनुप्रयोग विभाग के प्रमुख प्रधान वैज्ञानिक सुदीप मारवाह का तबादला केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई) भोपाल में कर दिया गया है. संपर्क करने पर मारवाह ने बताया कि मैंने भोपाल में कार्यभार ग्रहण कर लिया है. मेरे स्थानांतरण आदेश से पता चलता है कि यह प्रशासनिक कारणों से था. डेटा सेंटर में मेरी भूमिका सीमित थी. ज़्यादातर भूमिका आईटी इकाई की थी. सूत्रों ने बताया कि एक अन्य प्रधान वैज्ञानिक, केके चतुर्वेदी, जो प्रसाद के अधीन एक समर्पित आईटी इकाई का नेतृत्व कर रहे थे, उनको आईसीएआर मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है.

उच्च-स्तरीय समिति का किया गया था गठन

आईसीएआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव, मांगी लाल जाट ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर दूं कि आईसीएआर व्यापक राष्ट्रीय हित में अपने डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. मार्च 2025 में साइबर हमले के कारण डेटा संबंधी समस्या का आकलन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है जिसके बाद, आईसीएआर के संबंधित प्रभागों द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.

साइबर अटैक से बहुत हुआ नुकसान

सूत्रों के अनुसार, समिति ने अगस्त के मध्य में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कथित लापरवाही का विवरण दिया गया, जिसके कारण यह उल्लंघन हुआ, जिससे आईसीएआर की वेबसाइट, दिल्ली में इसका सर्वर और हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम) का सर्वर भी प्रभावित हुआ. 

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