सहकारिता मंत्रालय ने भारतीय चावल निर्यातक महासंघ से मिलाया हाथ, BIRC 2025 में करेगा सहयोग

सहकारिता मंत्रालय ने भारतीय चावल निर्यातक महासंघ से मिलाया हाथ, BIRC 2025 में करेगा सहयोग

भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) के साथ मिलकर भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025 में सहयोग की घोषणा की है. यह साझेदारी चावल क्षेत्र के विकास, कृषि निर्यात को बढ़ावा और किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए अहम कदम है.

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सहकारिता मंत्रालय ने भारतीय चावल निर्यातक महासंघ से मिलाया हाथ, BIRC 2025 में करेगा सहयोगBIRC 2025 के लिए साथ आए सहकारिता मंत्रालय और IREF

देश में होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े चावल सम्मेलन 'भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025' को बड़ा समर्थन मिला है. भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) के साथ इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए आधिकारिक तौर पर सहयोग की घोषणा की है. इस साझेदारी के साथ तीन प्रमुख पहलें जुड़ी हैं. भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025 का आयोजन, भारतीय चावल पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन और “विकस‍ित भारत@2047” के तहत चावल क्षेत्र का विजन और रोडमैप दस्तावेज़, जिसमें आने वाले वर्षों में भारत के चावल क्षेत्र के विकास की रूपरेखा शामिल होगी.

IREF ने किया फैसल का स्‍वागत

इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री लाल महल ग्रुप के चेयरमैन प्रेम गर्ग ने मंत्रालय के इस सहयोग का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “हम सहकारिता मंत्रालय के समर्थन से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. यह सहयोग भारतीय चावल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम है और यह दर्शाता है कि सहकारी संस्थाएं और जमीनी स्तर के संगठन हमारी कृषि अर्थव्यवस्था में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.”

कृ‍षि‍ निर्यात और किसानों के लिए फायदेमंद होगी साझेदारी

IREF ने बताया कि यह साझेदारी सरकार के उस बढ़ते फोकस को दर्शाती है, जिसके तहत देश में सहकारी संस्थाओं और किसानों से जुड़ी जमीनी संस्थाओं को मजबूत बनाया जा रहा है. यह समझौता न केवल सहकारी समितियों और स्व-सहायता समूहों की भूमिका को उजागर करेगा, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने, कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में भी योगदान देगा.

विकस‍ित भारत के लक्ष्‍य को मिलेगा बल

“विकसित भारत@2047” के लक्ष्य के तहत यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और भारत को वैश्विक चावल व्यापार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके जरिए चावल उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों के हितों की रक्षा होगी और सरकारी नीतियों से बेहतर तालमेल बनेगा. यह सहयोग भारत के कृषि निर्यात को नई दिशा देने के साथ-साथ सहकारिता के सिद्धांतों के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा.

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