देश के कई हिस्सों में धान की फसल की कटाई अब लगभग पूरी होने वाली है. धान की कटाई के बाद अक्सर किसान कुछ समय खेत खाली छोड़ देते हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस बीच खेत की सही तैयारी कर ली जाए तो रबी की फसलें जैसे गेहूं, चना, मटर और सरसों अच्छी पैदावार देती हैं. खेत की तैयारी समय पर और सही तरीके से करने से लागत कम आती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.
धान की कटाई के बाद अगर किसान खेत की तैयारी समय रहते और सही तरीके से करते हैं तो रबी की फसलें बेहतर होती हैं. पराली का सही प्रबंधन, मिट्टी की जांच, जुताई, खाद का सही इस्तेमाल और सिंचाई व्यवस्था जैसी साधारण बातें किसानों को ज्यादा मुनाफा दिला सकती हैं. थोड़ी-सी सावधानी और सही प्लानिंग के साथ किसान अपनी मेहनत का दोगुना फायदा उठा सकते हैं. आइए जानते हैं धान की कटाई के बाद खेत को रबी सीजन के लिए तैयार करने के आसान तरीके.
1. पराली प्रबंधन करें
धान की कटाई के बाद सबसे बड़ी समस्या पराली (धान का ठूंठ और पुआल) की होती है. पराली को जलाने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घटती है और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. इसलिए किसानों को पराली का सही प्रबंधन करना चाहिए. पराली को खेत में ही रोटावेटर से मिलाकर हरी खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, इसे पशु चारे, खाद या बायोफ्यूल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
2. मिट्टी की जांच कराएं
खेत की मिट्टी में कौन-से पोषक तत्व कम हैं और किसकी अधिकता है, यह जानना जरूरी है. इसके लिए किसान मिट्टी का सैंपल लेकर नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या सॉइल टेस्टिंग लैब में जांच करा सकते हैं. मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सही मात्रा में उर्वरक और जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे फसल की पैदावार बढ़ती है और लागत भी कम आती है.
3. खेत की जुताई
धान की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करना जरूरी है. इससे मिट्टी में नमी सुरक्षित रहती है और कीड़े-मकोड़े व खरपतवार खत्म हो जाते हैं. जुताई के बाद खेत को समतल करना भी महत्वपूर्ण है. खेत समतल होने से सिंचाई के समय पानी पूरे खेत में बराबर फैलता है और फसल को नुकसान नहीं होता.
4. ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग
रासायनिक खाद का लगातार प्रयोग करने से मिट्टी की सेहत बिगड़ती है. इसलिए खेत की तैयारी करते समय गोबर की सड़ी खाद, वर्मी कंपोस्ट या हरी खाद का इस्तेमाल करें. इससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ती है और फसलें ज्यादा मजबूत होती हैं.
5. सिंचाई की व्यवस्था दुरुस्त करें
रबी की फसलें खरीफ की तुलना में ज्यादा सिंचाई मांगती हैं. इसलिए किसानों को खेत की नहरें, कुएं और ट्यूबवेल की समय रहते मरम्मत कर लेनी चाहिए. जहां संभव हो, वहां ड्रिप इरिगेशन या स्प्रिंकलर का उपयोग करना चाहिए. इससे पानी की बचत होती है और फसलें भी अच्छी होती हैं.
6. सही बीज का चुनाव करें
बेहतर बीज न सिर्फ फसल की सफलता की गारंटी है बल्कि किसानों का मुनाफा भी सुनिश्चित करते हैं. किसानों को कृषि विश्वविद्यालयों या कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित बीज ही इस्तेमाल करने चाहिए. अपने इलाके की जलवायु और मिट्टी के अनुसार किस्म का चुनाव करें. इससे फसल रोगों से सुरक्षित रहती है और पैदावार भी बढ़ती है.
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