भारत एक कृषि प्रधान देश है, और खेती यहां सिर्फ आजीविका का साधन नहीं, बल्कि कई लोगों का जीवन है. आज के समय में खेती में निवेश (Investment in Farming) एक स्मार्ट और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है. सिर्फ कृषि में ही नहीं आज के समय में लोग बैंक में पैसा रखने से अधिक शेयर मार्केट का म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना पसंद करते हैं. हालांकि इसमें रिस्क अधिक है लेकिन आज के समय में यह लोगों की पसंद बनती जा रही है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि कैसे खेती में निवेश करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है और इसके क्या-क्या तरीके हैं.
आज चाहे दुनिया में कोई भी आर्थिक स्थिति हो, खाने की जरूरत कभी खत्म नहीं होती. जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे खेती और कृषि का महत्व और भी ज्यादा हो रहा है. यही वजह है कि कई निवेशक खेती को एक "Recession-Proof" यानी मंदी से सुरक्षित क्षेत्र मानते हैं.
REITs (Real Estate Investment Trusts) एक ऐसा विकल्प है, जिसमें कंपनियां खेत खरीदकर उसे किसानों को किराए पर देती हैं. आप इन कंपनियों के शेयर खरीदकर खेती में परोक्ष रूप से निवेश कर सकते हैं.
उदाहरण:
फायदे:
आप खेती से जुड़ी कंपनियों के शेयर खरीदकर भी कृषि क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं.
जो कंपनियां फसल उगाने, पैक करने और बेचने का काम करती हैं.
उदाहरण:
ETFs (Exchange Traded Funds) ऐसे फंड होते हैं जो कई कृषि कंपनियों में एक साथ निवेश करते हैं.
उदाहरण:
ETFs के फायदे:
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो कुछ ऐसे फंड्स हैं जो खेती या कमोडिटी सेक्टर में निवेश करते हैं.
ध्यान रखें:
जो निवेशक थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, वे सीधे फसल आधारित कमोडिटी जैसे गेहूं, मक्का, कॉटन, चीनी आदि में निवेश कर सकते हैं.
उदाहरण:
खेती सिर्फ एक पुरानी परंपरा नहीं, बल्कि आने वाले समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है. अगर आप खेती से जुड़कर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, लेकिन खेत खरीदना आपके बस की बात नहीं, तो ऊपर बताए गए विकल्प आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
सुझाव:
NOTE: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है. इसमें दी गई निवेश से संबंधित जानकारी किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह (Financial Advice) नहीं है. शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, REITs, ETFs और कमोडिटीज़ में निवेश जोखिम से जुड़ा होता है. निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) या किसी प्रमाणित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें. लेखक और प्रकाशक लेख में दी गई जानकारी से होने वाले किसी भी प्रकार के लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे.
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