सर्दियों की शुरुआत के साथ ही पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. इस बार सरकार ने पहले से ही सख्त रुख अपनाते हुए पराली जलाने वालों पर एफआईआर दर्ज करना और जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है. अब तक इस सीज़न में 95 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं और 51 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. प्रशासन ने लगभग 1.7 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा भी वसूल किया है.
पराली जलाने के मामलों में पंजाब सरकार सिर्फ जुर्माना ही नहीं बल्कि किसानों के भूमि रिकॉर्ड में "रेड एंट्री" (Red Entry) भी कर रही है. साथ ही, उन अधिकारियों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं जिनके क्षेत्र में ये घटनाएं हो रही हैं.
पंजाब सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए मल्टिनेशनल कंपनियों के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का उद्देश्य तकनीकी सहायता से फसल अवशेष प्रबंधन को सफल बनाना है. लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी इसका असर दिखाई नहीं दे रहा.
सरकार की इन कार्रवाइयों के खिलाफ किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं.
किसानों का कहना है कि वे पराली जलाना नहीं चाहते, लेकिन उनके पास विकल्प नहीं हैं.
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मांग की है कि:
रेशम सिंह यात्री जैसे नेता कह रहे हैं कि अगर सरकार सहायता दे तो किसान स्वयं ही पराली का समाधान कर सकते हैं.
अब तक जिन जिलों में सबसे ज़्यादा पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं:
अन्य जिलों जैसे मलेरकोटला, बरनाला, कपूरथला, संगरूर, बठिंडा, आदि में भी कुछ घटनाएं दर्ज हुई हैं.
नहीं, पराली जलाने की घटनाएं सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं हैं.
28 सितंबर तक देश भर से 126 घटनाएं दर्ज की गईं:
किसान और सरकार दोनों इस मुद्दे का हल चाहते हैं, लेकिन रास्ता अलग-अलग दिखता है. सरकार तकनीकी समाधान और सख्ती के पक्ष में है, जबकि किसान आर्थिक सहायता और व्यवहारिक समाधान की मांग कर रहे हैं.
जब तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत और सहयोग नहीं होता, तब तक "पराली बनाम पर्यावरण" और "किसान बनाम सरकार" की यह लड़ाई जारी रहेगी.
पराली जलाने की समस्या सिर्फ पर्यावरण की नहीं, बल्कि कृषि व्यवस्था, तकनीक, और नीति की साझा चुनौती है. अगर सरकार और किसान साथ मिलकर समाधान ढूंढें, तो न तो हवा खराब होगी और न ही किसानों को परेशान होना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें:-
Paddy Procurement: बाढ़ के बाद पंजाब के धान किसानों की नई आफत, मंडियों में आवक में गिरावट
Delhi Heat: सितंबर के महीने में दिल्ली में क्यों पड़ रही है चुभती-जलती गर्मी, कब मिलेगी इससे राहत?
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today