ओडिशा के ड्रैगन फ्रूट दुबई को खासे पसंद आ रहे हैं. लगातार दूसरे साल में फल अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचा है. पिछले दिनों ओडिशा के बलांगीर जिले से एक नई खेप दुबई भेजी गई. पटनागढ़ में उगाए गए 330 किलोग्राम (0.33 मीट्रिक टन) के इस फल की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम रही है. यह कीमत पिछले साल के 250 रुपये के भाव से 20 फीसदी ज्यादा है. इससे पता लगता है कि ओडिशा के ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ रही है और इसकी क्वालिटी भी बेहतर है.
ड्रैगन फ्रूट का निर्यात ओडिशा के कृषि-बागवानी क्षेत्र के एक और मील का पत्थर साबित हुआ है. राज्य अब वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी के स्तर पर पहुंच गया है और मजबूत से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगाने है. राज्य के डिप्टी सीएम कनक वर्धन सिंह देव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'यह बलांगीर और ओडिशा दोनों के लिए गर्व का क्षण है. जैविक रूप से उगाए गए ड्रैगन फ्रूट का दुबई को लगातार दूसरी बार सफल निर्यात, उच्च मूल्य वाली, बाजार आधारित बागवानी में हमारे राज्य की बढ़ती ताकत को दर्शाता है.यह एक मील का पत्थर से भी बढ़कर है. यह इस बात का संकेत है कि ओडिशा क्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशंस को अपने मूल में रखते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है.'
कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग (डीएएंडएफई) कई योजनाओं और पहलों के जरिये से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. विभाग की तरफ से मॉर्डन टेक्निक्स, उपज को इकट्ठा करके और ज्यादा कीमत वाले निर्यात अवसरों का बढ़ावा देकर संस्थागत मदद, बाजार पहुंच और क्षमता निर्माण प्रदान की जा रही है ताकि एफपीओ को मजबूत किया जा सके. बागवानी निदेशक सुब्रत कुमार पांडा ने बताया कि दो साल तक सफल निर्यात उच्च-मूल्य वाली बागवानी में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए ओडिशा की तैयारी को बताता है. उन्होंने कहा, 'बलांगीर तेजी से विदेशी फलों की खेती के केंद्र के तौर पर उभर रहा है. बाकी क्षेत्रों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण कायम कर रहा है.'
वहीं बलांगीर के किसान अब ड्रैगन फ्रूट, कीवी और दूसरे विदेशी और ज्यादा कीमतों वाले फसलों की खेती में सक्रिय तौर पर रुचि लेने लगे हैं. यह बताता है कि यहां के किसान किस तरह से जो आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने लगे हैं. ड्रैगन फ्रूट के इस निर्यात को कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग और एडवाइजरी फर्म पैलेडियम इंडिया की तरफ से किसान उत्पादक संगठनों के संवर्धन एवं स्थिरीकरण (पीएसएफपीओ) प्रोजेक्ट के तहत पूरा किया गया.
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