बदलते समय के साथ हममें कई बदलाव देखने को मिले हैं. हम अपने काम और प्रोफेशनल लाइफ में इतने व्यस्त हो गए हैं कि हमें खुद के लिए समय निकालने की जरूरत महसूस होने लगी है. ना तो हमारे पास खाने का समय है और ना ही ये सोचने का कि हम क्या खा रहे हैं. या फिर हम जो खा रहे हैं वो हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद है. जानें अंजाने में हम रोज अपने खान-पान में उन चीजों को शामिल कर रहें हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है. ऐसे में आइये जानते हैं अपनी प्लेट में रखी उन 5 चीजों के बारे में जो सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन है.
अगर खाने में आटे की रोटी की जगह मैदा की रोटी या नान मिल जाए तो हम उसे बड़े चाव से खाते हैं. इसका स्वाद हमें बहुत पसंद आता है और हम इसे बार-बार खाना चाहते हैं. यही वजह है कि जब भी हम बाहर खाना खाने जाते हैं तो मैदा से बनी रोटी खाना पसंद करते हैं. लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि यह हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद है. बिना सोचे समझे हम इसे आराम से खा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैदा आपकी सेहत के लिए किसी जहर से कम नहीं है. जी हाँ मैदा आपकी शरीर में स्लो पोइसन का काम करता है.
मैदा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिससे शरीर में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है. अगर आप मैदा का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. अगर आप मैदा से बनी चीजें खाने के शौकीन हैं तो इससे आपको एसिडिटी हो सकती है. मैदा आंत के लिए बहुत हानिकारक होता है. इसमें फाइबर नहीं होता है, जिसके कारण अपच की समस्या होती है.
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पुराने समय में जहां खाने में सरसों का तेल या घी इस्तेमाल किया जाता था, वहीं अब रिफाइंड तेल ने लोगों की रसोई में अपनी जगह बना ली है. आजकल ज्यादातर लोग खाने में रिफाइंड तेल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. कम समय में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका रिफाइंड तेल आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. अगर आप भी अपने खाने में नियमित रूप से रिफाइंड तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक हो सकता है. आपको बता दें शुद्ध तेल चिपचिपा और गंधयुक्त होता है. इस तरह रिफाइंड तेल बनाने के दौरान उसमें मौजूद गंध पूरी तरह से दूर हो जाती है. इसमें मौजूद यह गंध प्रोटीन की मात्रा है, जिसके हटने से रिफाइंड तेल में प्रोटीन की मात्रा खत्म हो जाती है. ऐसे में इसके नियमित सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है. रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया के दौरान उसमें से न केवल गंध बल्कि उसकी प्राकृतिक चिकनाई भी निकल जाती है. ऐसे में बिना चिकनाई वाले तेल का इस्तेमाल करने से कई बीमारियां हो सकती हैं.
साबुत चावल को प्रोसेस करने से उनकी बनावट में सुधार होता है और इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, लेकिन यह अपने पोषक तत्वों को खो देता है. जिसे खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. जिस वजह से कई बीमारियों का भी खतरा रहता है. चावल की प्रोसेसिंग कर उसे रिफाइन किया जाता है ताकि उसे पतला आकार दिया जा सके. धान के रूप में उसका जो छिलका रहता है, वह निकाल लेते हैं. इसके बाद इसमें सिर्फ स्टार्च बच जाता है. इसका अधिक सेवन करने से ब्लड शुगर बढ़ सकती है और ग्लूकोज का स्तर भी भारी मात्रा में बढ़ता है.
नमक शरीर में पानी की मात्रा को बनाये रखता है. ऐसे में अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं तो शरीर में पानी कि मात्रा बढ़ सकती है और आप हाइ ब्लड प्रेशर के शिकार हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में हर तीन में से एक वयस्क इससे पीड़ित है. चूंकि रिफाइंड नमक में आयोडीन खत्म हो जाता है और प्रोसेसिंग के दौरान इसमें फ्लोराइड मिलाया जाता है. जिस वजह से यह हमारे लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
चीनी में काफी मात्रा में कैलोरी होती है. इसमें कोई जरूरी पोषण नहीं होता है. इससे मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है और इससे मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, लिवर की बीमारियां जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं. चीनी खून में मिलने से पहले, पाचन तंत्र में दो सरल शर्करा, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज में टूट जाती है. जो लोग शारीरिक श्रम नहीं करते उन्हें यह कठिन लगता है.
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