Happy Birthday Kiran Bedi: महिला को क्यों नहीं मिलता किसान का दर्जा? जब देश की पहली महिला IPS ने उठाया था ये सवाल

Happy Birthday Kiran Bedi: महिला को क्यों नहीं मिलता किसान का दर्जा? जब देश की पहली महिला IPS ने उठाया था ये सवाल

Happy Birthday Kiran Bedi: विकासशील देशों में महिला किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है, बावजूद इसके ज्यादातर महिला किसानों को 'मजदूर' ही समझा जाता है. हालांकि, महिला किसानों की इस स्थिति को लेकर कई लोगों ने सवाल खड़ा किया है जिनमें से पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का नाम भी एक है. किरण बेदी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रही हैं. आइए जानते हैं महिला किसानों की स्थिति को लेकर उन्होंने क्या कुछ कहा है-

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Happy Birthday Kiran Bedi: महिला को क्यों नहीं मिलता किसान का दर्जा? जब देश की पहली महिला IPS ने उठाया था ये सवालदेश की पहली महिला IPS अधिकारी किरण वेदी और महिला किसान, सांकेतिक तस्वीर

मौजूदा वक्त में कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान 60 से 70 प्रतिशत है. वहीं, इनको ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. बावजूद इसके महिलाओं को ज्यादातर मजदूर ही समझा जाता है. इसके अलावा, ज्यादातर महिलाओं को न तो खेती के लिए बकायदा प्रशिक्षण दिया जाता है और न ही बेहतर उपज होने पर उन्हें प्रोत्साहन मिलता है. यहां तक कि किसान समुदाय को संबोधित करते हुए भी ज्यादातर नेताओं के द्वारा ‘किसान भाइयों’ शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि महिला किसानों को भी पुरुष किसानों की तरह ही सम्मान मिले उसकी मांग होती रही है. कुछ साल पहले यह मुद्दा देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने भी उठाया था.

आज किरण बेदी का जिक्र इसीलिए क्योंकि, वह 9 जून यानी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रही हैं. वहीं किरण बेदी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. वह अपने निडर और बेबाक स्वभाव के लिए बेहद चर्चित रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने समाज सुधार की दिशा में भी सराहनीय काम किया है. ऐसे में आइए जानते हैं महिला किसानों को लेकर किरण बेदी क्या कुछ कहा था-

‘महिलाओं को 'मजदूर' कहना गलत’- किरण वेदी

दरअसल, जुलाई 2021 में वूमेंस इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (WICCI), फूड एंड न्यूट्रिशन काउंसिल और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा आयोजित एक सेमिनार में पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा था कि खेत में काम करने वाली महिलाओं को 'मजदूर' कहना गलत है. हम उन्हें खेतिहर मजदूर कहते हैं. मुझे नहीं लगता कि वे मजदूर हैं. अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कहूंगी कि उन्हें प्रोड्यूसर कहा जाना चाहिए.

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किरण बेदी के अनुसार महिला सशक्तिकरण तब आता है जब महिलाओं को वह दर्जा प्राप्त होता है जो उन्हें मिलना चाहिए. उनके अनुसार यदि आप कृषि में अधिक से अधिक महिलाओं को चाहते हैं, यदि आप वास्तव में उन्हें सशक्त बनाना चाहते हैं, तो उन्हें किसान का दर्जा दिलाएं.  इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि वर्तमान में कृषि भूमि पर काम करने वाली महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिलता है जिसकी वे हकदार हैं. अगर सिर्फ इसलिए कि हम अपनी महिलाओं को किसान का दर्जा नहीं देते हैं, वे बैंक लोन, सरकारी सब्सिडी और इस तरह के लाभों की हकदार नहीं हैं. यह स्थिति बदलनी चाहिए.

किरण बेदी का प्रशासनिक सफर 

9 जून, 1949 को जन्मी किरण बेदी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और टेनिस खिलाड़ी हैं, उन्होंने 28 मई, 2016 से 16 फरवरी, 2021 तक पुदुचेरी की 24वीं उपराज्यपाल के रूप में काम किया. उन्होंने एक आईपीएस अफसर के तौर पर 1972 में अपनी सेवा शुरू की थी. वर्ष 2007 में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की महानिदेशक के रूप में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से पहले वह 35 वर्षों तक सर्विस में रहीं.
 


 
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