किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण है फॉर्मूला, कृषि से जुड़े सहायक उद्योगों से सरकार ने की ये अपील

किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण है फॉर्मूला, कृषि से जुड़े सहायक उद्योगों से सरकार ने की ये अपील

केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े सहायक उद्योगों से फूड प्रोसेसिंग सप्लाई चेन को मजबूत करने की अपील की है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव अविनाश जोशी ने कहा कि बढ़ती कृषि उत्पादकता और बदलते उपभोग पैटर्न को देखते हुए प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और फूड सेफ्टी मानकों को बढ़ाना जरूरी है, वरना किसान और उपभोक्ता दोनों को नुकसान उठाना पड़ेगा.

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किसानों की आय बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण है फॉर्मूला, कृषि से जुड़े उद्योगों से सरकार ने की ये अपीलफूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूत करने पर जोर

केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े सहायक उद्योगों से अपील की है कि वे उपलब्ध सरकारी प्रोत्साहनों का बेहतर उपयोग करके फूड प्रोसेसिंग सप्लाई चेन को मजबूत करें. सरकार का मानना है कि अगर प्रसंस्करण, वैल्यू एडिशन और खाद्य सुरक्षा मानकों को समय रहते नहीं बढ़ाया गया, तो किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ नहीं मिलेगा और उपभोक्ता भी गुणवत्ता व विकल्पों से वंचित रह जाएंगे. मुंबई में आयोजित FICCI अन्नपूर्णा इंटर फूड एग्जीबिशन 2025 को संबोधित करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के सचिव अविनाश जोशी (IAS) ने कहा कि देश में कृषि उत्पादकता लगातार बढ़ रही है, घरेलू मांग मजबूत हो रही है और उपभोग के पैटर्न में तेजी से बदलाव आ रहा है. ऐसे में उद्योग को बड़े पैमाने पर फूड प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को अपनाने की जरूरत है.

सरकार की ये योजनाएं हो सकती हैं कारगर

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकरण (PMFME) योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत सरकार व्यापक सहायता दे रही है. इनमें छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को पूंजी सब्सिडी, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड टेस्टिंग लैब, इनक्यूबेशन सेंटर और कृषि क्लस्टर्स में प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 35 से 50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता शामिल है. अविनाश जोशी ने यह भी कहा कि इन योजनाओं के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्रोत्साहन और सीड फंडिंग दी जा रही है, ताकि वे फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उद्यम शुरू कर सकें. इस प्रदर्शनी में भारत समेत अफ्रीकी देशों, अमेरिका, यूरोप और यूएई सहित 17–18 देशों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली, जिससे वैश्विक स्तर पर सहयोग और व्यापार के नए अवसर खुले.

50 अरब डॉलर से अधिक होगा ये बाजार

Future Market Insights की प्रधान सलाहकार नंदिनी रॉय चौधरी ने कहा कि जहां मिलेनियल्स ने कंज़्यूमर अवेयरनेस की पहली लहर को जन्म दिया, वहीं Gen Z एक तेज़, टेक्नोलॉजी-संचालित दुनिया में रह रही है. इसका असर घरेलू बाजार पर साफ दिखेगा. उनके अनुसार, किचन अप्लायंसेज़ का घरेलू बाजार 2027 में 32 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 50 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है. फिक्की के असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल बलविंदर सिंह साहनी ने कहा कि महामारी के बाद उपभोक्ताओं में सुविधा, गुणवत्ता और सुरक्षा की मांग तेजी से बढ़ रही है. यह एक्सपो पूरी वैल्यू चेन को फिर से जोड़ने का काम कर रहा है, जिससे नवाचार, सहयोग और विकास के नए रास्ते खुल रहे हैं. कुल मिलाकर, सरकार और उद्योग जगत दोनों मानते हैं कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूत किए बिना किसानों की आय बढ़ाना और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प देना संभव नहीं है.

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