उत्तर प्रदेश के गांवों में एक नई तरह की दहशत फैल गई है – ड्रोन चोर की अफ़वाह. यह कहानी कुछ महीनों पहले पश्चिमी यूपी से शुरू हुई थी, लेकिन अब यह डर और हिंसा के साथ पूर्वी यूपी तक पहुंच चुकी है. कुछ महीने पहले अफ़वाह फैली कि चोर अब ड्रोन के जरिए घरों की छतों को देखकर चोरी की योजना बना रहे हैं. यह बात गांव-गांव में इतनी तेजी से फैली कि लोगों ने इसे सच मान लिया. अब हालत ये है कि साधारण ड्रोन उड़ता दिखे तो लोग डर से कांप उठते हैं.
रायबरेली में हरिओम नाम के व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, क्योंकि उन्हें शक हुआ कि वह ड्रोन चोर गैंग का हिस्सा है. हरिओम मानसिक रूप से अस्थिर था और अपने ससुराल जा रहा था. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.
कुछ युवक, जो मज़े के लिए या वीडियो बनाने के लिए ड्रोन उड़ा रहे थे, उन्हें भीड़ ने पकड़ लिया. लखनऊ और सीतापुर के दो युवकों को रायबरेली में पुलिस ने गिरफ्तार किया क्योंकि वे बिना अनुमति के ड्रोन उड़ा रहे थे. इससे गांवों में नई अफ़वाहें फैल गईं.
कानपुर के गांवों में भी मानसिक रूप से बीमार लोगों और फेरीवालों को ड्रोन चोर समझकर पीटा गया. कई बार पुलिस ने समय रहते लोगों को बचा लिया, लेकिन कई जगह हालात बेकाबू हो गए.
WhatsApp, Facebook और पुराने वीडियो के जरिए अफ़वाहें और डर फैल रहा है. कई गांवों में लोग अब रात भर पहरा दे रहे हैं, बच्चों को शाम के बाद बाहर नहीं निकलने दिया जाता और कुछ लोग आसमान में टॉर्च मारते रहते हैं ताकि “ड्रोन चोर” न दिखें.
पुलिस अब जनजागरण अभियान चला रही है. जगह-जगह बैठकें की जा रही हैं ताकि लोग समझ सकें कि ये सब अफ़वाहें हैं. पुलिस का कहना है कि किसी भी रिपोर्ट में अब तक कोई चोरी ड्रोन से नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्रोन की अफ़वाह फैलाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट और NSA के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही सभी जिलों में ड्रोन रजिस्टर बनाने और रात में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी भी लगाई गई है.
हालांकि सरकार और पुलिस की कोशिशें जारी हैं, फिर भी गांवों में डर कम नहीं हो रहा है. लोग पहरा दे रहे हैं, एक-दूसरे को जागते रहने की सलाह दे रहे हैं और थोड़ी सी भी हरकत या रोशनी को ड्रोन समझकर घबरा जाते हैं.
ड्रोन चोर की यह कहानी एक अफ़वाह से शुरू होकर डर, हिंसा और जानलेवा घटनाओं तक पहुंच गई है. ज़रूरत है कि लोग सतर्क रहें लेकिन साथ ही अफवाहों पर यकीन न करें. कोई भी संदिग्ध जानकारी मिलने पर भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय पुलिस को सूचित करें.
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