जमीन विवाद में डीसी से मिलने पहुंचे पूर्व रेसलर खलीहिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पांवटा साहिब के सुरजपुर में जाने माने पूर्व रेसलर दलीप राणा उर्फ ग्रेट खली की जमीन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. शुक्रवार को सुरजपुर की कुछ महिलाएं दद ग्रेट खली ने पांवटा साहिब के तहसीलदार पर लगाए जमीनों में कथित हेरा-फेरी के आरोप, DC को शिकायत, तहसील दार बोले खाता संख्या 6 पर कब्जा गलत हैं ग्रेट खली के साथ नाहन पहुंचीं और उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा से मुलाकात की. उन्होंने जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश के आरोप लगाते हुए पूरी शिकायत उपायुक्त को सौंपी. मुलाकात के दौरान खली और महिलाओं ने उपायुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. महिलाओं ने कहा कि प्रशासन सही जांच करे और वहां रह रहे परिवारों को न्याय दिलाए.
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि वे 28-08 बीघा जमीन की सह-स्वामी हैं. पिछले पांच दशक से वहां रह रहे हैं, लेकिन अब परिवारों पर अचानक दबाव बनाया जा रहा है और उनके जमीन को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है. नाहन में मीडिया से बात करते हुए खली ने कहा कि 20 मई 2025 को पहली बार कुछ लोगों ने जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की. ग्रामीणों, महिलाओं और शिकायतकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर यह प्रयास नाकाम कर दिया.
शिकायत में कहा गया है कि यह पूरी कार्रवाई राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से की गई. दूसरी घटना 18 जुलाई 2025 को हुई. आरोपित लोगों ने फिर से जमीन में घुसने की कोशिश की. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जमीन वर्षों से उनके कब्जे में है. इसके बावजूद बार-बार अवैध तरीके अपनाए जा रहे हैं. शिकायत में यह भी आरोप है कि संबंधित तहसीलदार और कुछ राजस्व अधिकारी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वे निजी व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों की अनदेखी कर रहे हैं.
शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके पास जमीन से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर प्रस्तुत किया जा सकता है. सबसे गंभीर आरोप यह है कि राजस्व अधिकारियों और निजी लोगों ने मिलकर साजिश रची है. शिकायत के मुताबिक, राजस्व रिकॉर्ड में गलत तरीके से हेरफेर की कोशिश की जा रही है और यह सब बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किया जा रहा है.
पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आगे भी ऐसे प्रयास होते रहेंगे. खली और महिलाओं द्वारा मीडिया के सामने लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. तहसीलदार ने सभी आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है.
उनका कहना है कि जिस जमीन पर महिलाएं और खली दावा कर रहे हैं, वह जमीन वास्तव में उनकी नहीं है. तहसीलदार ने यह भी कहा कि राजस्व विभाग अपनी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार ही कार्य कर रहा है. किसी भी तरह की मिलीभगत या अवैध कब्जा करवाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. खली ने पांवटा साहिब के तहसीलदार पर लगाए जमीनों में कथित हेरा-फेरी के आरोप, DC को शिकायत,तहसील दार बोले खाता संख्या 6 पर कब्जा गलत हैं.
उधर, तहसीलदार पांवटा साहिब ऋषभ शर्मा ने पत्रकारवार्ता में यह जानकारी दी. जमीनी विवाद को लेकर द ग्रेट खली के सभी आरोप बेबुनियाद हैं, जो उन्होंने राजस्व विभाग पर अपनी जमीन के ततीमें गलत तरीके से काटने और उनकी भूमि को किसी और को देने का आरोप लगाए हैं.
यह मामला नायब तहसीलदार पांवटा साहिब के कोर्ट में लगा, इसका फैसला 25 मार्च को हुआ है. तहसीलदार पांवटा ने कहा कि दलीप राणा उर्फ ग्रेट खली ने सूरजपुर में भूमि खाता नंहर 8 में खरीदी है. इसके साथ लगते करीब 38 बीघा भूमि खाता नंंबर 6 पर बैठ (पोजेशन लिया) गए हैं. 23 नवंबर को इस भूमि पर बाउंड्री वाॅल बना दी.
तहसीलदार ने कहा कि हैरानी की बात है कि इस कार्य के दौरान इनके साथ पंजाब के लोग मौके पर मौजूद रहे. तहसीलदार ने कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाने से बेहतर रहता कि खली अपनी भूमि की निशानदेही ही करवा लेते या सिविल कोर्ट में स्टे की प्रति लेकर आते. म्यूटेशन तक के लिए भी नहीं आए. अब भी इस मामले में किसी भी राजस्व अधिकारी से निशानदेही करवा लें. इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि खली करीब 50 दिन पहले कार्यालय पहुंचे थे, जबकि खली का कहना है कि कभी नहीं मिले. सच बात यह है कि विगत 27 अक्टूबर को करीब तीन घंटे कार्यालय में बैठे. इस दौरान जमीनी विवाद को लेकर उनकी पूरी बात सुनी गई. सभी दस्तावेज भी दिखाए. उनको मामले की पूरी जानकारी रख कर आरोप किसी तथ्य के आधार पर लगाने चाहिए. भूमि विवाद का मामला विमला देवी बनाम हेमलता रहा है.
उन्होंने कहा कि 20 मई 2025 को रेसलर खली का भी पत्र मिला था. तहसीलदार ने सभी आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है. उनका कहना है कि जिस जमीन पर महिलाएं और खली दावा कर रहे हैं, वह जमीन वास्तव में उनकी नहीं है. तहसीलदार ने यह भी कहा कि राजस्व विभाग अपनी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार ही कार्य कर रहा है. किसी भी तरह की मिलीभगत या अवैध कब्जा करवाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. (अमन शर्मा की रिपोर्ट)
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