वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मानक तय किए गए हैं, जिसके लिए राज्य सरकारें हर वाहन की प्रदूषण जांच करती है और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं. वाहन चालक के लिए यह सर्टिफिकेट बहुत जरूरी होता है. इसके नहीं होने पर मोटा चालान हो सकता है, जबकि वाहन भी सीज किया जा सकता है. दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को लेकर काफी सतर्क है, दिल्ली एनसीआर में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अनिवार्य है. अब सरकार ने प्रदूषण जांच के लिए लगने वाली फीस को बढ़ा दिया है.
दिल्ली में 13 साल बाद प्रदूषण जांच दरों (Pollution Checking Rates) में बदलाव किया गया है. आम आदमी पार्टी की सरकार सीएनजी, पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए नई शुल्क दरों की घोषणा कर दी है. दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए प्रदूषण जांच में लगने वाले शुल्क में 20 रुपये बढ़ा गए हैं.
आंकड़ों के अनुसार 13 साल पहले 2011 में वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए कम शुल्क लगता था.
19 साल पहले 2005 में वाहनों के लिए प्रदूषण जांच दरें काफी कम थीं.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today