देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद 33 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सेवाएं शुरू हो गई हैं. इन पैक्स के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग कृषि संबंधी सेवाओं का लाभ लेने के साथ ही आधार अपडेट, बैंक खाता, कृषि दस्तावेज, केसीसी लोन समेत 27 तरह की सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. देशभर में 1 लाख से अधिक पैक्स हैं, जिन्हें 2029 तक 2 लाख के पार करने का लक्ष्य है.
सहकारिता मंत्रालय के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 33 हजार PACS सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) के रूप में भी काम कर रही हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 51,898 से ज्यादा PACS को CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड किया जा चुका है, जिनमें से 33,626 से अधिक PACS ने कॉमन सर्विस सेंटर CSC की सेवाएं देना शुरु कर दिया है. सरकार पैक्स को मल्टी परपज बना रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके.
पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में काम करने की पहल उद्देश्य सामान्य सेवा केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को आसानी से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराना है. पैक्स के जरिए बैंक, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, जन औषधि केंद्र, अनाज खरीद, भंडारण, खाद-बीज वितरण, खेती से जुड़े दस्तावेज अपडेट और सीएससी की सेवाओं समेत 27 तरह की सेवाओं का लाभ लोगों को मिल सकेगा.
देश में वर्तमान में करीब 1 लाख पैक्स हैं, जबकि सहकारिता मंत्रालय ने 2029 तक इनकी संख्या 2 लाख के पार ले जाने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में जनवरी 2024 तक 12000 नए पैक्स को रजिस्टर्ड किया जा चुका है. जबकि, 2020 में 10 पैक्स और 2023 में 102 नए पैक्स को रजिस्टर किया है. यानी नए पैक्स के रजिस्ट्रेशन में 10 गुना की तेजी दर्ज की गई है. सरकार का टारगेट है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पैक्स का निर्माण किया जाए.
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