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Agriculture Loan: फसल लोन लेने में यूपी-राजस्थान के किसान आगे, शॉर्ट टर्म लोन का प्रतिशत भी बढ़ा

Agriculture Loan: फसल लोन लेने में यूपी-राजस्थान के किसान आगे, शॉर्ट टर्म लोन का प्रतिशत भी बढ़ा

कुल कृषि लोन में फसल लोन का आंकड़ा बीते 5 साल में 61 फीसदी के करीब रहा है. जबकि, इस समय अवधि में कृषि लोन की कैटेगरी फसल लोन की हिस्सेदारी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 7-8 फीसदी बढ़कर 77 फीसदी पर पहुंच गई है. कृषि लोन की दूसरी कैटेगरी में टर्म लोन लेने की संख्या सर्वाधिक है.

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देश के कुल कृषि लोन में फसल लोन का आंकड़ा बीते 5 साल में 61 फीसदी के करीब रहा है. देश के कुल कृषि लोन में फसल लोन का आंकड़ा बीते 5 साल में 61 फीसदी के करीब रहा है.

देश के कुल कृषि लोन में फसल लोन का आंकड़ा बीते 5 साल में 61 फीसदी के करीब रहा है. जबकि, बीते 5 साल में फसल लोन की हिस्सेदारी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 7-8 फीसदी बढ़कर 77 फीसदी पर पहुंच गई है. कृषि लोन की कैटेगरी में फसल लोन के बाद टर्म लोन लेने की संख्या सर्वाधिक है. फसल लोन किसानों को दिया जाने वाला एक शॉर्ट टर्म लोन है, जिसका रीपेमेंट सर्किल 1-2 सीजन तक चलता है. 

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कुल कृषि लोन में फसल लोन की हिस्सेदारी पिछले पांच वर्षों में 7-8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 77 प्रतिशत हो गई है. जबकि, राष्ट्रीय औसत पिछले पांच वर्षों में 59-61 प्रतिशत के आसपास रहा है. कृषि लोन के तहत दूसरी कैटेगरी टर्म लोन की है और इसकी अवधि बैंकों के अनुसार योजना, उद्देश्य और लाभार्थी की रीपेमेंट कैपेसिटी के आधार पर अलग-अलग होती है. फसल लोन किसानों को दिया जाने वाला एक शॉर्ट टर्म लोन है, जिसका रीपेमेंट सर्किल 1-2 सीजन तक चलता है और 3 लाख रुपये तक का लोन किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से दिया जाता है. 

कृषि लोन में फसल लोन और टर्म लोन का हिस्सा ज्यादा 

केसीसी खातों के डेटा के के अनुसार 31 दिसंबर 2023 तक 7.36 करोड़ किसान केसीसी का लाभ ले रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैंकों ने चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर तक कृषि लोन के तहत 18,44,767.32 करोड़ रुपये का वितरण किया है, जिसमें से 11,26,160.72 करोड़ रुपये फसल लोन के लिए और 7,18,606.60 करोड़ रुपये टर्म लोन के लिए थे. 

सरकार ने कृषि लोन टारगेट से ज्यादा वितरित किया 

सरकार ने कृषि लोन टारगेट 20 लाख करोड़ निर्धारित किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में कुल वितरण 21.55 लाख करोड़ रुपये था. यह तेजी केसीसी अभियान और योजना की अधिक पहुंच के चलते हुआ है. किसानों के बीच जागरूकता बढ़ने से यूपी और राजस्थान दोनों ही राज्यों में केसीसी का इस्तेमाल बढ़ा है. ऐसे में जिन किसानों ने पहले फसल लोन नहीं लिया था, उन्होंने अब इसका लाभ उठाया है. 

यूपी और राजस्थान में फसल लोन आंकड़ा बढ़ा 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2023-24 के दौरान राजस्थान में 86,424.62 करोड़ रुपये के फसल लोन वितरित किए गए, जो राज्य के कुल टारगेट 1.12 लाख करोड़ कृषि लोन का 77 प्रतिशत है. 2019-20 में कुल कृषि लोन वितरण 95,051 करोड़ में से फसल लोन की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक थी. चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में 1,00,365.54 करोड़ के फसल लोन वितरित किए गए, जो राज्य में कुल टारगेट 1.31 लाख करोड़ कृषि लोन का 77 फीसदी है. 

पश्चिम बंगाल में कृषि लोन लेने में तेज उछाल 

2019-20 में कुल कृषि लोन वितरण 1.09 लाख करोड़ में से फसल लोन की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत से अधिक थी. राज्य में कुल कृषि लोन वितरण में फसल लोन की हिस्सेदारी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत हिस्सेदारी से भी अधिक थी. आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष हरियाणा में 69 प्रतिशत, पंजाब में 73 प्रतिशत और मध्य प्रदेश 69 प्रतिशत दर्ज किया गया है. पश्चिम बंगाल ने फसल लोन वितरण में उछाल दर्ज किया है, क्योंकि कुल कृषि लोन में इसकी हिस्सेदारी 2019-20 में 24 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 31 दिसंबर तक 42 प्रतिशत हो गई है. 

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