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बांग्लादेश में महंगाई से हाहाकर, 120 रुपये किलो हुआ बैंगन और खीरा, जानें प्याज का रेट

बांग्लादेश में महंगाई से हाहाकर, 120 रुपये किलो हुआ बैंगन और खीरा, जानें प्याज का रेट

ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में भी उछाल में दर्ज की गई है. अभी एक किलो चिकन 00 से 230 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोलम मुर्तजा ने कहा कि यहां हर कोई अपनी मर्जी से कारोबार कर रहा है. कोई किसी की नहीं सुन रहा है.

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बांग्लादेश में महंगाई से जनता परेशान. (सांकेतिक फोटो) बांग्लादेश में महंगाई से जनता परेशान. (सांकेतिक फोटो)

बांग्लादेश में महंगाई से जनता परेशान हो गई है. वहां पर खाने-पीने की अधिकांश चीजें महंगी हो गई हैं. लेकिन सबसे ज्यादा प्याज की बढ़ती कीमत आम जनता को परेशान कर रही है. ऐसे में रमजान के इस पाक महीने में आम जनता प्याज खरीदने से कतरा रही है. कहा जा रहा है प्याज की कीमत में ये उछाल पिछले एक महीने के अंदर आई है. जो प्याज पहले बांग्लादेशी मुद्रा में 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा था, अब उसकी कीमत 110 से 120 रुपये हो गई है. हालांकि, सरकार की कोशिश के बाद कीमतों में कुछ गिरावट आई है. अब प्याज की कीमत कम होकर 90 से 100 रुपये किलो हो गई है. हालांकि, यह पिछले वर्ष की तुलना में अभी भी काफी अधिक है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में प्याज की कीमतें अभी भी पिछले साल की तुलना में 183 फीसदी अधिक हैं. जब प्याज का पीक सीजन था, तब कीमतें 25 से 35 रुपये तक कम थीं. खास बात यह है कि प्याज के अलावा बैंगन, आलू, खीरे, नींबू, ब्रॉयलर चिकन और चीनी की कीमतों में भी बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका असर इफ्तार पार्टी पर भी पड़ा है. क्योंकि इफ्तार में मुख्य व्यंजन बैंगन की कीमतें पिछले महीने 50-60 रुपये से बढ़कर 100-120 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जबकि खीरे 40-60 से 100-120 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. नींबू की कीमत में भी बढ़ोतरी देखी गई है. 

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इतनी है अंडे की कीमत

इसी तरह ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में भी उछाल में दर्ज की गई है. अभी एक किलो चिकन 200 से 230 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोलम मुर्तजा ने कहा कि यहां हर कोई अपनी मर्जी से कारोबार कर रहा है. कोई किसी की नहीं सुन रहा है. वहीं, अंडे की कीमतों में मामूली कमी आई है, जो 140 रुपये से घटकर 130-135 प्रति दर्जन हो गई. इसके अलावा वैश्विक बाजार में गिरावट के कारण सोयाबीन तेल की कीमतें 173 से 163 रुपये प्रति लीटर तक गिर गई हैं.

महंगाई की ये है असली वजह

राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार विभाग सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी के लिए मांग और सप्लाई में आए अंतर को जिम्मेदार ठहराया है. बैंगन, आलू, खीरे, और नींबू सभी रमज़ान के मुख्य व्यंजन हैं, जिनका उपयोग बेगुनी और आलू चॉप और शर्बत जैसे लोकप्रिय इफ्तार व्यंजनों में किया जाता है. लेकिन कीमत में बढ़ोतरी के कारण आम जनता इन व्यंजनों का लुफ्त नहीं उठा पा रही है.  जानकारी के लिए बता दें कि बांग्लादेश में टका चलता है. भारत का 1.50 रुपये बांग्लादेश के 2 टका के बराबर होता है.

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बांग्लादेश में प्याज निर्यात

बता दें कि कल ही खबर सामने आई थी कि निर्यात बैन के बावजूद भी केंद्र सरकार अपने पड़ोसी देश को प्याज निर्तायत करेगी. खास बात यह है कि भारत बांग्लादेश को निर्यात करने के लिए  निजी व्यापारियों से 1,650 टन प्याज खरीदेगी. कहा जा रहा है कि पिछले तीन महीने के दौरान भारत से इस खाद्य पदार्थों का पहला आधिकारिक निर्यात होगा. क्योंकि देश ने 8 दिसंबर से 31 मार्च तक प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में केंद्र ने उन देशों को 64,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी. तब सरकारी अधिकारियों ने कहा था कि उसे राजनयिक चैनलों के माध्यम से अनुरोध प्राप्त हुए थे.