NEET यानी National Eligibility cum Entrance Test... 12वीं के बाद करियर बनाने की जुगत में लगे छात्रों के सबसे अधिक नीट ही प्रचलित है. इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का मतलब ये है कि डॉक्टर बनने का आधा सपना सच होना. मसलन, नीट की बेहतर रैकिंंग देशभर के मेडिकल कॉलेज में सीटें सुरक्षित करती है. एक आंकड़ें के अनुसार देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एक लाख से अधिक MBBS की सीटें हैं, लेकिन वहीं ये आंकड़ें देखते हैं प्रत्येक साल 30 लाख से अधिक छात्र 12वीं पास करते हैं, जिसमें से आधे छात्र नीट परीक्षा शामिल होते हैं, जिनका सपना डॉक्टर बनने का होता है, लेकिन मेडिकल कॉलेजों की सीमित सीट होने की वजह से नीट में शामिल होने वाले छात्रों को निराशा मिलती है और छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना टूट जाता है.
इन बहुसंख्यक छात्रों के लिए किसान तक की ये खबर बेहद ही महत्वपूर्ण है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो ऐसे छात्रों को नीट की सीट का मलाल छोड़ने की जरूरत है. क्योंकि छात्र वेटरनरी डॉक्टर बन कर अपना करियर सुपरहिट बना सकते हैं. आइए समझते हैं कि वेटरनरी डॉक्टर बन कर कैसे करियन को सुपरहिट बनाया जा सकता है.
हमारा देश विश्व के उन देशों में आता है, जहां पर सबसे ज्यादा पशु-पक्षी पाए जाते है चाहे वो पालतू हो या जंगली दोनों ही प्रकार के जानवर भारत में बहुत मिलते है. इतने सारे पशु-पक्षी होने के बाद भी भारत में वेटरनरी डॉक्टर्स यानी की पशुओं के डॉक्टर की संख्या काफी कम है. अगर आप डॉक्टर बनना चाहते है और आपको पशु-पक्षियों से प्यार है, तो आप इस फील्ड में अपना करियर बना सकते है. वेटरनरी डॉक्टर्स की कमी होने के कारण इस क्षेत्र में आप अपना करियर आराम से बना सकते है. आइए जानते है वेटरनरी डॉक्टर बनने के लिए किन योग्यताओं का होना जरूरी है साथ ही वेटरनरी डॉक्टर्स के लिए कौन-कौन से कोर्सेज उपलब्ध हैं.
जानवरों की देखभाल के विभिन्न पहलुओं को सीखने के लिए पशु चिकित्सकों की आवश्यकता होती है, जिनमें पशुओं का ध्यान रखना , खानपान की देखरेख, सर्जरी, चिकित्सा स्थिति, टीके, परजीवी और बहुत कुछ शामिल है. इसके अलावा, इसके लिए जानवरों, पालतू जानवरों और उनके मालिकों की मदद करने के लिए धैर्य और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है.
पशुओं से प्रेम करना और उनकी मदद करना, उनकी कल्याण करने का एक जूनून होना. वहीं पालतू जानवरों के मालिकों के साथ उपयोगी बातचीत की सुविधा के लिए अच्छा रवैया रखना. आश्वासन और समर्थन देने के लिए पालतू जानवरों के मालिकों के प्रति एक सहानुभूतिपूर्ण बर्ताव रखना, टाइम मैनेजमेंट का पालन करना ताकि यह सुनिश्चित कर सके की क्लीनिक और अस्पतालों में चिकित्सा संचालन सुचारू रूप से चल रहा है, घायल और बीमार जानवरों से निपटने के दौरान डायग्नोस्टिक्स और सटीकता के लिए तकनीकी मशीनरी और प्रयोगशाला उपकरणों को संभालने की योग्यता होना ये पांच विशेषताएं एक पशु चिकित्सक में होनी चाहिए.
वेटरनरी डाॅक्टर कैसे बनें, इस पर आपके रिसर्च में हम आपकी मदद करने के लिए, पशु चिकित्सा विज्ञान में डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया को बताने वाले है. अगर आप पशु चिकित्सक बनना चाहते हैं तो 12वीं के बाद बीवीएससी (बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस) की पढ़ाई करें. वहीं इसके लिए आप पशु चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश के लिए बैचलर की डिग्री होना महत्वपूर्ण है. इसके लिए आपके 12वीं कक्षा में विज्ञान का होना जरूरी है. आपके पास बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स जैसे प्रमुख विषयों होना आवश्यक है.
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अगर आप 12वीं पास हैं और पशु चिकित्सक बनने में रुचि रखते हैं. तो आप भी ये पांच कोर्सेज कर सकते हैं. जैसे, बैचलरऑफ़ वेटरनरी साइंस (बीवीएससी), बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस (बीवीएससी, एनिमल नुट्रिशन), बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस (बीवीएससी, एनिमल जेनेटिक्स एंड ब्रीडिंग), बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस (बीवीएससी, वेटरिनरी पैथोलॉजी) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस 9बीवीएससी, वेटरिनरी माइक्रोबायोलॉजी) की कोर्स शामिल हैं.
आज कल कई लोग पशुओं को पालते है इसी के साथ वेटरनरी डॉक्टर्स की जरूरत बढ़ती दिखाई दे रही है. अगर आप वेटरनरी डॉक्टर बनने में इच्छुक है तो इसमें आप आसानी से अपना करियर बना सकते है साथ ही पशु चिकित्सक होने के साथ आप पशु कल्याण का कार्य भी कर सकते हैं.
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