किसानों की धन तक पहुंच आसान करने के लिए केंद्र सरकार अभियान चला रही है. इसके साथ ही अधिक लोन राशि उपलब्ध कराने के लिए भी सकारात्मक संकेत मिले हैं. इसको देखते सरकार आगामी 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में किसानों को लॉन्ग टर्म एग्रीकल्चर लोन पर ब्याज दर में छूट देने की संभावना है. वहीं, किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार इस बार बजट में एग्रीकल्चर लोन टारगेट भी बढ़ा सकती है.
वित्त मंत्रालय के नियमों के अनुसार वर्तमान में केंद्र सरकार किसानों को 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म एग्रीकल्चर लोन उपलब्ध कराती है. केसीसी योजना के तहत यह लोन लाभार्थी किसान बैंकों के जरिए हासिल कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार किसानों की अधिक वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए 3 लाख रुपये लोन की सीमा इस बार बजट में बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जा सकती है.
वित्त मंत्रालय के नियमों के अनुसार पात्र किसानों को शॉर्टटर्म के लिए दिए जाने वाले एग्रीकल्चर लोन पर 7 फीसदी ब्याज दर लागू होता है, लेकिन सरकार 2 फीसदी की छूट किसानों को देती है. इस तरह किसानों को 5 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होता है. जबकि, लॉन्ग टर्म लोन पर किसानों को बाजार में लागू ब्याज दर चुकानी पड़ती है. सूत्रों ने कहा है कि वित्त मंत्रालय इस बार बजट में किसानों को लॉन्ग टर्म एग्रीकल्चर लोन पर भी ब्याज दर में छूट की घोषणा पर विचार कर रहा है.
सरकार किसानों का वित्तीय संकट दूर करने के इरादे से पिछले 3 महीनों से 'घर-घर केसीसी अभियान', 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' और 'पीएम जनमन' अभियान चलाकर किसानों को लोन नेटवर्क में लाने का प्रयास कर रही है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दिसंबर तक किसान क्रेडिट कार्ड नेटवर्क के माध्यम से 7.34 करोड़ किसानों को 16 लाख करोड़ रुपये का लोन बैंकों के जरिए उपलब्ध कराया गया है.
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