हमारे देश के लोग खाने-पीने के बहुत शौकीन होते हैं. खासतौर पर देश में चावल को पसंद करने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है. यहां के लोगों को चावल से विशेष लगाव है. वे सादा चावल के अलावा, बिरयानी, फ्राइड राइस सहित अनेक तरह से पका कर खाते हैं. लेकिन, कई बार चावल आपके स्वास्थ्य को खराब भी कर सकता है. जिसमें सबसे अधिक चुनौती शुगर के मरीजों को होती है. असल में डाॅक्टर मानते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए चावल नुकसान देयक है. ऐसे में शुगर के मरीज ईच्छा होने के बाद भी चावल का सेवन नहीं कर पाते हैं. लेकिन, सच ये है कि चावल और शुगर के मरीजों के संंबंध में कहीं हुई बात अधूरी है. असल में शुगर के मरीजों के ब्राउन राईस बेहतर विकल्प है. आईए जानते हैं कि ब्राउन राईस क्यों बेहतर है और इसमें क्या पौष्टिक गुण हैं.
असल में सफेद चावल को तैयार करने के लिए उसका छिलका उतारा जाता है. इस दौरान चावल से चोकर और उसमें पाए जाने वाले कई पौष्टिक गुण भी उतर जाते है, जिससे इसकी पोषक क्षमता प्रभावित होती है. वहीं साबूत ब्राउन राईस को तैयार करते समय केवल न खाई जाने वाली भूसी को ही इससे अलग किया जाता है. वहीं ब्राउन राईस कई विटामिन्स और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत, यह पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसकी वजह से ये चावल सफेद की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है.
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लोगों के बीच आमतौर पर यह चर्चा होती है कि भूरे चावल डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाना चाहिए. लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. असल में ब्राउन राईस ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है और उचित मात्रा में ब्राउन राईस के सेवन से उन्हें कोई नुकसान नहीं होता है.
ब्राउन राईस कम कैलोरी, कम फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट में अधिक होते हैं. इसके अलावा ग्लूटेन मुक्त होता है. तो वहीं मैग्नीशियम फास्फोरस, विटामिन बी 6, और मैंगनीज आदि का अच्छा स्रोत है, हड्डियों के विकास, घाव भरने, मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए ये अच्छा माना जाता है. ब्राउन राईस ब्लड शुगर रेगुलेशन और नर्व फंक्शन को संतुलित रखने में मदद करता है. साथ ही यह इंसान को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है. सेल की मरम्मत करने में भी सहायक होता है. .
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