
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (बासु) और एक निजी कंपनी आहार सेतु प्राइवेट लिमिटेड ने 'आहार सेतु' नाम से एक मोबाइल ऐप बनाया है. इस ऐप की मदद से लोग चिकन की दुकान पर मौजूद सभी मुर्गियों की जानकारी कुछ ही सेकंड में हासिल कर सकेंगे. इस डिजिटल युग में, जहां हर सामान को स्कैन करके उससे जुड़ी पूरी जानकारी हासिल की जा रही है, वहीं अब चिकन की दुकान पर उपलब्ध मुर्गियों की पूरी जानकारी भी उपभोक्ता अपने मोबाइल पर आसानी से देख सकेंगे.
मुर्गियों के खान-पान, रखरखाव, उनसे जुड़ी बीमारियों सहित वे किस पोल्ट्री फार्म की हैं- इस तरह की पूरी जानकारी मात्र एक स्कैन के जरिए हासिल की जा सकती है. सरल शब्दों में कहें तो उपभोक्ता को मुर्गी की पूरी कुंडली मिल सकेगी. दरअसल, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना और आहार सेतु प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से 'आहार सेतु' ऐप लॉन्च किया है, जो पोल्ट्री फार्म से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी जानकारी प्रदान करेगा. इस ऐप पर उत्पादन से उपभोग तक के सभी चरणों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी.
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यह ऐप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक के जरिए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी गतिविधियों, जांच, रखरखाव और परिवहन से जुड़ी सूचनाएं उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुंचेंगी.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश बीमारियां पशुओं से इंसानों में ट्रांसमिट हो रही हैं. ऐसे में इस ऐप के जरिए शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी, क्योंकि आज के दौर में खाद्य उत्पादों की ट्रेसबिलिटी (पता लगाने की क्षमता) बेहद जरूरी हो गई है. इस ऐप से उपभोक्ताओं को यह भरोसा मिलेगा कि वे जो उत्पाद खा रहे हैं, वह स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त है.
'आहार सेतु' ऐप का मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री सेक्टर में उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक पारदर्शिता बनाए रखना है. इस ऐप में जियो-लोकेशन टैगिंग की सुविधा भी दी गई है, जिससे मुर्गी के गले में लगे बारकोड को स्कैन करते ही उसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी. जैसे कि मुर्गी किस पोल्ट्री फार्म की है. कौन सी ब्रीड (नस्ल) की है.
इसे खिलाने में किस तरह के दाने का इस्तेमाल किया गया है. यह पहले किसी बीमारी से ग्रसित तो नहीं थी. इसे किसी केमिकल की मदद से तैयार तो नहीं किया गया. इस तरह की पूरी जानकारी ऐप पर उपलब्ध रहेगी. साथ ही यह ऐप मुर्गी पालकों, उत्पाद की गुणवत्ता, बाजार की स्थिति, बिचौलियों से बचाव, परिवहन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ा डाटा भी जनरेट करेगा. इस डाटा के विश्लेषण से किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध होगा.
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