भारत में SMI के तहत बासमती की खेती का दायरा बढ़ाएगी Bayer, पिछले साल भी किसानों की हुई थी खूब कमाई

भारत में SMI के तहत बासमती की खेती का दायरा बढ़ाएगी Bayer, पिछले साल भी किसानों की हुई थी खूब कमाई

बायर इस वर्ष अपनी पुनर्योजी कृषि पहल का विस्तार 16,000 हेक्टेयर से अधिक तक करेगा Bayer भारत में रिजनरेटिव खेती के तहत बढ़ाएगी

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भारत में SMI के तहत बासमती की खेती का दायरा बढ़ाएगी Bayer, पिछले साल भी किसानों की हुई थी खूब कमाईबासमती धान की खेती

जर्मन लाइफ साइंस कंपनी बायर ने अपने सस्‍टेनेबल मार्केट इनिश‍िएटिव (SMI) की शुरुआती सफलता को देखते हुए इसके विस्‍तार की योजना बनाई है. बायर की यह पहल इस साल भारत में बासमती धान की खेती पद्धति में पुनर्योजी कृषि (रिजनरेटिव एग्रीकल्‍चर) को 16,000 हेक्टेयर से ज्‍यादा बढ़ाने पर फोकस है. SMI किंग चार्ल्स की एक वैश्विक पहल है और बेयर वर्कस्ट्रीम 5 का हिस्सा है. यह पहल पुनर्योजी कृषि प्रथाओं को अपनाने के विकल्प को गति देने के उद्देश्य से बासमती धान पर केंद्रित है. 

इन राज्‍यों में SMI के तहत हो रहा काम

पुनर्योजी कृषि (Regenerative Agriculture) का उद्येश्‍य मिट्टी और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बहाल करते भूमि को स्वस्थ बनाना, कार्बन को सोखना, जल चक्र को सुधारना, और जैव विविधता को बढ़ाना है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बायर ने SMI के तहत भारत में लक्षित क्षेत्रों- पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बासमती चावल प्रणाली पर काम किया और 2024 के दौरान, यहां के करीब 12,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया. इस दौरान कंपनी ने यहां के लगभग 2,500 किसानों के साथ SMI समाधान लागू करने में मदद की. 

मिट्टी की सेहत और पैदावार में हुआ सुधार

बायर का कहना है कि उसने पाया कि पुनर्योजी प्रथाओं को अपनाने से मिट्टी की सेहत, फसल की पैदावार और लाभप्रदता में सुधार देखने को मिला और पानी के इस्‍तेमाल में भी कमी आई, जिसके चलते किसानों की आजीविका पर समग्र रूप से सकारात्मक असर देखने को मिला. बासमती धान की खेती में 1 किलोग्राम उत्पादन के लिए औसतन 2,500 टन पानी की जरूरत पड़ती है, जो कि बहुत ज्‍यादा है. बायर ने कहा कि साल 2024 में कंपनी ने SMI के जरिए ट्रेनिंग, तकनीकों को अपनाने और बाजार तक पहुंच बनाने और बढ़ाने में मदद कर किसानों की आजीविका को बेहतर बनाया है. 

पानी का इस्‍तेमाल 6 प्रतिशत घटा

कंपनी ने कहा कि उसके प्रयासों से लगभग 55 प्रतिशत किसानों ने वैकल्पिक वेटिंग एंड ड्राइं‍ग और IoT सेंसर जैसी विधियों का इस्‍तेमाल कर पानी के इस्‍तेमाल में लगभग 6 प्रतिशत की कमी लाई. इस दौरान उन्‍हें फसल पैदावार में 9 प्रतिशत तक बढ़ोतरी मिली और निर्यात बाजारों में बिक्री से 20 प्रतिशत ज्‍यादा राजस्व मिला.

20 प्रतिशत बढ़ा किसानों का राजस्‍व

पहल के हिस्से के रूप में, SMI भागीदारों ने निर्यात बाजारों के लिए भाग लेने वाले किसानों से लगभग 23,000 टन बासमती चावल खरीदा. बायर के फसल विज्ञान डिवीजन में स्थिरता और रणनीतिक जुड़ाव की प्रमुख नताशा सैंटोस ने कहा कि SMI छत्र के तहत हमारे सामूहिक कोशिशों के जरिए हमने किसानों को राजस्व में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी और पैदावार में 9 प्रतिशत तक सुधार करते देखा है.

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