गर्मियों का मौसम आते ही बाजार में शरीर को ठंडक पहुंचाने और गले को तर करने वाले फलों का डिमांड बढ़ जाता है. वहीं, हमेशा सेहतमंद रहने के लिए कई लोग तरह-तरह के फल खाते हैं. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल फलों की डिमांड रहती है. साथ ही कई फलों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं गर्मियों में चाव से खाए जाने वाले किस फल की किस्म अर्का मानिक है. दरअसल, ये तरबूज की एक खास वैरायटी है. वहीं, तरबूज अपने मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है. किसान इसे नकदी फसल के तौर पर उगाते हैं. गर्मियों के मौसम में तरबूज की मांग बाजारों में काफी बढ़ जाती है. ऐसे में आइए ये भी जानते हैं कि तरबूज की कौन-कौन सी तीन उन्नत किस्में हैं और कैसे करते हैं इसकी खेती.
अर्का मानिक किस्म: ये तरबूज की खास किस्म है. इस किस्म की बुवाई करने पर किसान को औसत तरबूज का वजन 6 किलो तक मिल सकता है. इस किस्म के तरबूज की भंडारण और परिवहन क्षमता अच्छी मानी जाती है. इस किस्म की खेती से किसानों को औसतन 60 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिल सकता है. वहीं, ये किस्म बुवाई के 110 से 115 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है.
शुगर बेबी किस्म: ये तरबूज की एक मीठी किस्म है. इस किस्म के फल बुवाई के लगभग 95-100 दिन बाद पक कर तैयार हो जाते हैं, जिनका औसत भार 4-6 किलोग्राम होता है. इसके फल में बीज बहुत कम होते है. वहीं, किसान इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
अर्का ज्योति किस्म: इस किस्म का विकास भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलोर किया गया है. इस किस्म के फल का वजन 6-8 किलोग्राम तक होता है. इसके फलों की भंडारण क्षमता भी अधिक होती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.
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तरबूज जायद मौसम की प्रमुख फसल है. इसकी खेती सबसे अधिक मैदानी इलाकों में की जाती है. ये कम समय, कम पानी और कम खाद में भी आसानी से उगाई जाने वाली फसल है. गर्मी के दिनों में इसकी बाजार में काफी डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि ये अपने लाल रंग और मीठे स्वाद के लिए काफी लोकप्रिय फल है. वहीं इसमें विटामिन A, विटामिन B6, विटामिन C और एमिनो एसिड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. गर्मियों में इस फल का सेवन शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए किया जाता है.
तरबूज की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. वहीं, खेती करने से पहले खेतों की तैयारी मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. मिट्टी में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिला दें. इसके अलावा अगर रेत की मात्रा अधिक है, तो ऊपरी सतह को हटाकर नीचे की मिट्टी में खाद मिलाना चाहिए. फिर खेत तैयार होने के बाद तरबूज की बुवाई कर दें.
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