Soybean Farming: किसानों को भर-भरकर उपज देती सोयाबीन की यह किस्‍म, पीला मोजैक भी रहता दूर 

Soybean Farming: किसानों को भर-भरकर उपज देती सोयाबीन की यह किस्‍म, पीला मोजैक भी रहता दूर 

Soybean Farming: सोयाबीन की इस किस्‍म  NRC 150  को आईसीएआर-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर की तरफ से डेवलप किया गया है. मध्‍य प्रदेश के अलावा यह किस्म उत्तर प्रदेश के बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्‍ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए उपयुक्‍त करार दी गई है.

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Soybean Farming: किसानों को भर-भरकर उपज देती सोयाबीन की यह किस्‍म, पीला मोजैक भी रहता दूर Soybean Farming: आखिर क्‍या है सोयाबीन की इस किस्‍म की खूबी

सोयाबीन की एक खास किस्‍म इस समय मध्‍य प्रदेश के किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रही है. सोया किस्‍म NRC 150 खरीफ सीजन के लिए मध्‍य प्रदेश के किसानों की पसंदीदा किस्‍म बन गई है. यह किस्‍म पीला मोजैक जैसे रोगों से भी सुरक्षित है. इंदौर के गांव मेमदी के एक किसान ने बताया है कि कैसे इस एक किस्‍म से उन्‍हें सोयाबीन की भरपूर उपज मिली है और अब वह इसके गुणगान करते नहीं थक रहे हैं. 

किसान ने किया गुणगान 

चेतन होलकर जो इंदौर के तहत आने वाले गांव मेमदी में सोयाबीन की खेती करते हैं. उन्‍होंने खरीफ 2025 सीजन में भी अपने खेत में सोयाबीन की एफएलडी यानी सोया किस्म NRC 150 लगाई है. इस किस्‍म से उन्‍हें काफी सफलता मिली है क्‍योंकि इस बार उन्‍हें फसल अच्‍छी मिली है. इस बारे में उन्‍होंने बताया, 'NRC 150, वह काफी अच्‍छी वैरायटी है और उत्‍पादन भी काफी लाजवाब है. फल भी देखने में काफी अच्‍छा लगता है. इसका एक भी फल न तो काला पड़ा है और न ही पीला मोजैक रोग से प्रभावित हुआ है जबकि बाकी खेतों की उपज पर इन बीमारियों का असर देखा जा सकता है. यह किस्‍म खूब भर-भरकर उपज भी देती है.     

किन-किन क्षेत्रों के लिए सही 

सोयाबीन की इस किस्‍म  NRC 150  को आईसीएआर-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर की तरफ से डेवलप किया गया है. मध्‍य प्रदेश के अलावा यह किस्म उत्तर प्रदेश के बुदेलखंड क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्‍ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए उपयुक्‍त करार दी गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले कुछ सालों से जलवायु का पैटर्न बदला है और मॉनसून अनियमित हो गया है. मॉनसून के अनियमित पैटर्न ने खेती को भी प्रभावित किया है. 

क्‍या हैं इसके फायदे 

अनियमित मानसून की वजह से किसानों को कभी सूखे तो कभी ज्‍यादा बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है. यही वजह है कि सोयाबीन की यह किस्‍म किसानों में ज्‍यादा लोकप्रिय हो रही है. सोयाबीन की इस किस्म का प्रयोग सोया मिल्‍क, पनीर, सोया टोफू जैसे प्रॉडक्‍ट्स में किया जाता है क्‍योंकि इसमें ज्‍यादा गंध नहीं आती है.

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