Agri Quiz: किस फल की किस्म है Red Glow, इसकी 5 उन्नत वैरायटी के बारे में जानें

Agri Quiz: किस फल की किस्म है Red Glow, इसकी 5 उन्नत वैरायटी के बारे में जानें

फल खाते हैं, जिसमें ज्यादातर लोग सेब, केला, अनार, अमरूद को ही शरीर के लिए सबसे लाभदायक फल मानते हैं. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल बाजार में फलों की डिमांड रहती है. साथ ही कई फलों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस फल की किस्म Red Glow है.

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Agri Quiz: किस फल की किस्म है Red Glow, इसकी 5 उन्नत वैरायटी के बारे में जानेंकिस फल की किस्म है Red Glow

लोग स्वस्थ रहने के लिए कई तरह के फल खाते हैं, जिसमें ज्यादातर लोग सेब, केला, अनार, अमरूद को ही शरीर के लिए सबसे लाभदायक फल मानते हैं. वहीं, लोग पूरे साल खुद को सेहतमंद रखने के लिए अलग-अलग प्रकार की फलों को खाते हैं. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल बाजार में फलों की डिमांड रहती है. साथ ही कई फलों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस फल की किस्म Red Glow है. दरअसल, ये पपीते की एक खास वैरायटी है. फलों में पपीते का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. पपीते के मीठे रस और टेस्टी गूदे के हजारों दीवाने हैं. ऊपर से इसका मेडिसिनल यूज इसे और खास बनाता है. यह फल पकाकर और कच्चा दोनों तरीके से उपयोग किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं पपीते की कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?

पपीते की उन्नत किस्में

रेड ग्लो किस्म: रेड ग्लो किस्म की खास बात यह है कि इसमें अधिक देखरेख करने की जरुरत नहीं पड़ती है. इसके अलावा भी इस किस्म से अच्छा उत्पादन होता है. इस किस्म का एक पेड़ लगभग 80 से 100 किलो तक का उत्पादन होता है. इस किस्म को काटने पर गहरा लाल गुदा होता है. इसके एक फल का वजन एक से डेढ़ किलो होता है. वहीं इसके पेड़ की हाइट 7 फीट होता है. इसका पौधा सात महीने में फल देने लगता है. इसके फल की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है.

सूर्या किस्म: सूर्या प्रमुख संकर किस्मों में से एक है. भारतीय बागवानी अनुसंधान बैंगलोर द्वारा निकाली गई किस्म है. एक फल का वजन 500 से 700 ग्राम होता है. पकने के बाद फल का रंग एक समान से पीला होता है. इसके फलों का आकार मध्यम और वजन लगभग 600 से 800 ग्राम है. इसकी प्रति पौधे की उपज लगभग 55 से 65 किलोग्राम होती है. फलों की भंडारण क्षमता अच्छी होती है.

पूसा नन्हा किस्म: यह किस्म IARI की ओर से विकसित की गई है. यह डायोसियस किस्म  1986 में विकसित की गई है. यह पपीते की बहुत बौनी किस्म है, जिसमें फलन जमीन की सतह से 15 से 20 सेमी ऊपर शुरू होता है. इस पौधे को बगीचे और छत पर गमलों में भी आसानी से लगाया जा सकता है. यह किस्म तीन साल तक फल देती है. इस किस्म से प्रति पौधा 30 किलो फल प्राप्त किया जा सकता है.

पूसा जायंट किस्म: पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1981 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल मध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म से 30 से 35 किलो फल प्राप्त होता है. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 92 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगनी शुरू हो जाती है.

रेड स्टार किस्म: इस किस्म की खास बात यह है कि इसमें अधिक देखरेख करने की जरुरत नहीं पड़ती है इसके अलावा भी इस किस्म से अच्छा उत्पादन होता है. इस किस्म का एक पेड़ लगभग 80 से 110 किलो तक का उत्पादन होता है. इस किस्म को काटने पर स्टार जैसा सेप होता है. इसके एक फल का वजन एक से डेढ़ किलो होता है. वहीं इसके पेंड की हाईट 7.5 फीट होता है. इसका पौधा आठ महीने में फल देने लगता है. इसके फल की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है.

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