उड़द की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देती है, क्योंकि उड़द की मांग पूरे साल होती है. इसलिए हमेशा ही इसके अच्छे दाम मिलते हैं. अगर किसान के पास सिंचाई की सुविधा है तो वो उड़द की खेती कर सकते हैं. उड़द के अलावा मूंग की खेती में भी किसानों को काफी फायदा होता है. चूंकि अभी गर्मी का मौसम है. ऐसे में किसानों को यह जानना जरूरी है कि इस मौसम में उड़द की कौन सी उन्नत किस्मों कि खेती करें, जिससे उत्पादन अधिक हो, ताकि किसानों को अधिक कमाई हो सके. अगर आप भी उड़द की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी की बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इसके बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन उड़द की उन्नत किस्म टी 9 के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
उत्तम क्वालिटी के NSC के उड़द / Blackgram T-9 किस्म के प्रमाणित बीज अब 5kg. के पैक में @ONDC_Official पर ऑनलाइन उपलब्ध|
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) June 21, 2024
ऑर्डर करने के लिए https://t.co/Au3EWSU9TT पर क्लिक करें|#NationalSeedsCorpLtd @AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi pic.twitter.com/qysI94RBwI
उड़द की टी 9 किस्म के दाने मध्यम आकार के होते हैं और इनका रंग काला और चमकदार होता है. उत्तर प्रदेश के किसान इस किस्म को सबसे अधिक पसंद करते हैं और यहां पर सबसे अधिक इस किस्म की खेती की जाती है. उड़द की यह किस्म बुवाई के 75 से 80 दिनों के बाद कटाई के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 9 से 10 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है.
अगर आप भी उड़द की उन्नत किस्म टी 9 की खेती करना चाहते हैं, तो इसके 5 किलो का पैकेट फिलहाल 26 फीसदी की छूट के साथ 810 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से उड़द की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
उड़द की बुवाई के लिए हल्की रेतीली, दोमट या मध्यम प्रकार की भूमि जिसमें पानी का निकास अच्छा हो, उसे अधिक उपयुक्त माना जाता है. पीएच मान 7-8 के बीच वाली भूमि उड़द के लिए उपजाऊ होती है. उड़द की खेती में अम्लीय और क्षारीय भूमि बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती है. बारिश के शुरू होने के बाद दो- तीन बार हल या बखर चलाकर खेत को समतल करें. वहीं, बारिश शुरू होने के पहले बोनी करने से पौधों की पैदावार अच्छी होती है.
किसी भी फसल की अच्छी उपज के लिए सही तरीके से बुवाई होना अति आवश्यक है. ऐसे में उड़द की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं, पौधों से पौधों की दूरी 10 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बीज को भी कम से कम 4 से 6 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं. खेत में बुवाई के समय अगर नमी न हो तो एक सिंचाई कर दें.
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