मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेशवासियों की खुशहाली को लेकर हमेशा संवेदनशील रहते हैं. उनकी यह संवेदना अक्सर देखने को भी मिलती है. ऐसा ही एक मामला हाल में सामने आया है, जिसमें यूनिक आईडीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने फिंगरप्रिंट सेंसिंग मशीन की L-0 डिवाइस को बंद करने का निर्देश दिया, लेकिन उसकी जगह दूसरा ऑप्शन नहीं दिया. इस पर सीएम योगी ने अधिकारियों को यूआईडीएआई से बातचीत कर जल्द जल्द से मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए. सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कर दोबारा डिवाइस को शुरू कराया. बता दें कि यूआईडीएआई के फैसले से प्रदेश की 35 हजार से अधिक बीसी सखी समेत कुल 3 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से 35 हजार से अधिक बीसी सखियां जुड़ी हुई हैं, जो रोजाना 40 करोड़ से अधिक का वित्तीय लेनदेन करती हैं. उन्हे लेनदेन के लिए यूआईडीएआई द्वारा फिंगरप्रिंट डिवाइस L-0 दी गयी है. इसके जरिये बीसी सखी लेनदेन के लिए आधार प्रमाणीकरण करती है, लेकिन यूआईडीएआई ने एक आदेश जारी करते हुए L-0 डिवाइस का इस्तेमाल करने वाली 10 कंपनियों के 19 मॉडल पर 31 अक्टूबर को रोक लगा दी.
यूआईडीएआई के आदेश पर इन डिवाइस को 31 अक्टूबर को बंद कर दिया गया. वहीं इनकी जगह L-0 डिवाइस का इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन इनकी ट्रेनिंग ही नहीं दी गयी. इसकी वजह से 35 हजार से अधिक बीसी सखियों का लेनदेन प्रभावित हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से यूआईडीएआई के अधिकारियों से बात करके समस्या का हल निकालने के निर्देश दिये.
सीएम योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने यूआईडीएआई के अधिकारियों से बात की. उन्होंने बताया कि अभी तक एल-1 के संचालन की ट्रेनिंग नहीं दी गयी है, जिसके वजह से बीसी सखियों को लेन देन प्रभावित हो रहा है. साथ ही बीसी सखी नई मशीन को खरीदने में फिलहाल सक्षम नहीं हैं. ऐसे मेें पुरानी डिवाइस को दोबारा शुरू करने का आग्रह किया. यूआईडीएआई के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए 6 नवंबर को दोबारा पुरानी डिवाइस को शुरू कर दिया, जिसके बाद लेनदेन शुरू हो गया. बीसी सखियों को पुरानी डिवाइस के दोबारा शुरू होने की जानकारी होने पर सीएम योगी का आभार व्यक्त किया.
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