कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाहीउत्तर प्रदेश में रबी गेहूं की बुवाई को समयबद्ध और सुचारू बनाने के लिए योगी सरकार ने इस सीजन में बीज वितरण पर विशेष जोर दिया है. कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में किसानों को उपलब्ध 9,74,730 क्विंटल गेहूं बीज में से अब तक 7,58,603 क्विंटल बांटे जा चुके हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि 30 नवंबर से पहले निर्धारित केंद्रों से बीज ले लें, ताकि उन्हें बीज अनुदान का पूरा लाभ मिल सके. मंत्री ने कहा कि समय पर बुवाई और लाइन में बुवाई से उत्पादन में वृद्धि होती है और लागत भी कम पड़ती है. कृषि भवन लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने यह जानकारी दी.
बैठक में गेहूं बीज वितरण की प्रगति और जिलों की तैयारी पर विस्तृत चर्चा हुई. मंत्री शाही ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वितरण प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर देरी न हो और किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता हर स्थिति में सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि कृषि व्यवस्था वैज्ञानिक आधार पर मजबूत हो और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से मिले.
बैठक में सतत कृषि पर योगी सरकार की पहल को आगे बढ़ाते हुए IIT रुड़की के विशेषज्ञों के साथ भू-इंजीनियरिंग आधारित कृषि मॉडल पर भी व्यापक विचार-विमर्श किया गया. मंत्री शाही ने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से मिट्टी एवं जल प्रबंधन अधिक वैज्ञानिक होगा, जिससे उत्पादन क्षमता में सुधार आएगा. उन्होंने निर्देश दिया कि पहले किए गए प्रयोगों की लागत, प्राप्त लाभ और प्रभावों का पुनर्मूल्यांकन करते हुए 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि किसानोन्मुख योजनाओं को और प्रभावी बनाया जा सके.
ALM कार्बन परियोजना पर भी बैठक में चर्चा हुई. परियोजना का उद्देश्य किसानों को कार्बन क्रेडिट का सीधा लाभ दिलाना है. प्रारंभिक चरण में इसे एक मंडल में पायलट आधार पर लागू करने का प्रस्ताव रखा गया. मंत्री शाही ने कहा कि कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के नए रास्ते खुल सकते हैं और प्रदेश में सतत कृषि की दिशा को नई ऊर्जा मिल सकती है.
इसी क्रम में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि भवन में कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के साथ अलग बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश किसान लघु एवं सीमांत हैं, इसलिए छोटे और किफायती कृषि यंत्रों के विकास पर सरकार का विशेष ध्यान है.
उन्होंने इम्पैनलमेंट प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने, तिथियों का पारदर्शी निर्धारण करने, अभिलेखीय त्रुटियों को सुधारने और पात्र कंपनियों को शामिल करने के निर्देश दिए. साथ ही किसानों की सुविधा के लिए नई कृषि यंत्रीकरण हेल्पलाइन और विशेष शिकायत निस्तारण सेल की स्थापना की घोषणा की.
मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश को लेजर कट प्रणाली में शामिल किया गया है, जिससे यंत्रीकरण कार्यक्रम की पारदर्शिता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश को कृषि उपकरण निर्माण का हब बनाने के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ बाहरी राज्यों की कंपनियों को भी यूपी में निर्माण इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने बैठक में दिए गए कंपनियों के सुझावों को तत्काल स्वीकार करते हुए उन्हें कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए. प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र ने आश्वासन दिया कि मंत्रियों के निर्देशों को विभागीय कार्ययोजना में शामिल कर समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. बैठक के अंत में कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी ने सभी प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया.
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