DDSR तकनीक से बदलेगी धान खेती, किसानों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा, कम मेहनत

DDSR तकनीक से बदलेगी धान खेती, किसानों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा, कम मेहनत

किसानक्राफ्ट ने Sigepalya में Dry Direct Seeded Rice (DDSR) तकनीक का बड़ा प्रदर्शन किया. SDSR-1004 किस्म, 50% पानी की बचत, कम लागत, अधिक उपज और पर्यावरण-अनुकूल खेती जैसे फायदे इस तकनीक को किसानों के लिए बेहद उपयोगी बनाते हैं.

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DDSR तकनीक से बदलेगी धान खेती, किसानों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा, कम मेहनतDDSR तकनीक

किसान क्राफ्ट ने सिगेपाल्या, के.बी. क्रॉस में ड्राई डायरेक्ट सीडेड राइस (DDSR) टेक्नोलॉजी का एक बड़ा डेमोंस्ट्रेशन ऑर्गनाइज किया. इस इवेंट में आस-पास के गांवों के करीब 100 किसानों ने हिस्सा लिया. इसका मकसद किसानों को नई टेक्नोलॉजी के फायदों के बारे में बताना और उन्हें बेहतर खेती के तरीकों के लिए मोटिवेट करना था. यह प्रदर्शन के.बी. क्रॉस, टिप्तूर तालुक (तुमकुरु जिला) के प्रगतिशील किसान मल्लिकार्जुन प्रसन्ना के खेत पर किया गया. यहां किसानों को DDSR की लोकप्रिय किस्म SDSR-1004 को लाइव देखकर उसकी वृद्धि, पौधों की मजबूती और उत्पादन क्षमता का आकलन करने का मौका मिला.

किसानक्राफ्ट ने किसानों को दिया प्रैक्टिकल ट्रेनिंग

किसान क्राफ्ट के तकनीकी विशेषज्ञों ने मौके पर किसानों को बताया कि DDSR में खेत की तैयारी, बीज की सीधी बुवाई और फसल प्रबंधन कैसे किया जाता है. किसानों ने विशेषज्ञों से सीधे सवाल पूछे और इस तकनीक के बारे में विस्तार से समझा. यह जानकारी उन्हें अगले सीजन में बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी.

DDSR क्यों है किसानों के लिए फायदेमंद?

सूखी सीधी बुवाई धान यानी DDSR पारंपरिक धान खेती से बिल्कुल अलग और आधुनिक तकनीक है. इसमें पौध तैयार करने के लिए न nursery चाहिए, न puddling, न ट्रांसप्लांटिंग. सीधे खेत में बीज बोकर खेती की जाती है.

इस तकनीक के प्रमुख फायदे:

  • 50% तक कम पानी की जरूरत-जहां पारंपरिक धान को 1 किलो चावल के लिए करीब 5,000 लीटर पानी चाहिए, वहीं DDSR में सिर्फ 2,000–2,500 लीटर पानी लगता है.
  • खर्च में भारी कमी-मजदूर, नर्सरी और खेत समतल करने का खर्च बच जाता है.
  • खाद और दवाइयों की जरूरत कम-इससे लागत और कम हो जाती है.
  • कम मीथेन उत्सर्जन-जलवायु के अनुकूल और पर्यावरण-हितैषी खेती.
  • फसल चक्र और इंटरक्रॉपिंग में मदद-पल्सेज, सब्जियों और तिलहनों के साथ बोई जा सकती है.
  • जैविक खेती के लिए उपयुक्त-रासायनिक खाद न भी दें तो फसल अच्छी रहती है.

तकनीक बढ़ाएगी उत्पादन और लाभ

किसान क्राफ्ट के CEO अमित शर्मा ने कहा कि देश में बढ़ती पानी की कमी और जानकारी की कमी से धान उत्पादन प्रभावित हो रहा है. DDSR तकनीक धान की खेती को आसान, कम खर्चीली और जल-संरक्षण वाली बनाती है. “DDSR से मिट्टी की उर्वरता के हिसाब से किसान अधिक उपज ले सकते हैं. इसका स्वाद भी पारंपरिक धान जैसा ही रहता है, और खेती का खर्च काफी कम हो जाता है.”

मेहनत कम, फायदा ज्यादा

डेमो फार्म के मालिक किसान मल्लिकार्जुन प्रसन्ना ने कहा कि DDSR नर्सरी, पडलिंग और ट्रांसप्लांटिंग की परेशानी को खत्म करता है. इसे एरेका के पौधों के बीच भी बोया जा सकता है और स्प्रिंकलर से आसानी से सिंचाई की जा सकती है. SDSR-1004 किस्म बारीक दाने वाली (सोना मसूरी की तरह) होती है, इसमें ज़्यादा पैनिकल्स होते हैं और ज़्यादा अनाज पैदा होता है.

भविष्य की धान खेती-कम पानी, अधिक उत्पादन

किसान क्राफ्ट की यह पहल किसानों को मॉडर्न और सस्टेनेबल खेती अपनाने में बहुत मदद कर रही है. DDSR टेक्नोलॉजी उन इलाकों में वरदान साबित हो रही है जहाँ पानी की कमी है और खेती का खर्च लगातार बढ़ रहा है. यह टेक्नोलॉजी किसानों की मेहनत कम करती है, पैदावार बेहतर करती है और खेती को फायदेमंद बनाती है.

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