सोनपुर मेले में गन्ने के साथ सहफसली खेती का मॉडल दिखाया गयाSugarcane Intercroping Farming Model: बिहार में नई एनडीए सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में नौ बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू करने की घोषणा की है. इस फैसले से गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाएं खुल रही हैं. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है, जो इस योजना को लागू करने की दिशा में काम करेगी. इस बीच, अब सारण जिले के सोनपुर में आयोजित एशिया के सबसे बड़े पशु मेले में गन्ना उद्योग विभाग ने एक मॉडल पेश किया है, जिसमें गन्ना के साथ अन्य फसलों की खेती के तरीकों को दिखाया गया है. इस मॉडल में बताया गया है कि गन्ना के साथ लहसुन, प्याज, आलू, मटर, सरसों, धनिया, गाजर, मूली और चुकंदर जैसी फसलों की खेती की जा सकती है.
गन्ना उद्योग विभाग ने बताया है कि CO 98014 किस्म के गन्ना के साथ लहसुन की खेती की जा सकती है. इसी तरह, CO 9301 किस्म के गन्ना के साथ प्याज की खेती का सुझाव दिया गया है. यह सहफसली मॉडल किसानों को एक ही जमीन पर दो फसलों की खेती करके अधिक लाभ कमाने का अवसर प्रदान करता है.
विभाग की ओर से CO 0238 गन्ना किस्म के गन्ना के साथ आलू की खेती का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा, गन्ना के साथ मटर की खेती भी एक लाभदायक विकल्प है. यह मॉडल किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से परिचित कराता है.
बिहार सरकार की चीनी मिलों को फिर से शुरू करने की योजना से गन्ना की खेती का क्षेत्रफल बढ़ने की उम्मीद है. किसानों को बताया गया कि गन्ना की खेती के लिए कौन-कौन सी किस्में उपयुक्त हैं और उनके साथ कौन-कौन सी फसलों की खेती की जा सकती है.
गन्ना उद्योग विभाग ने किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से परिचित कराने के लिए विभिन्न मॉडल पेश किए. इन मॉडलों में गन्ना के साथ दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती के सुझाव दिए गए. यह पहल किसानों को एक ही जमीन पर अधिक फसलें उगाने और अधिक आय अर्जित करने में मदद करेगी.
बिहार सरकार की इस पहल से गन्ना किसानों के लिए नई संभावनाएं खुल रही हैं. चीनी मिलों के फिर से शुरू होने से गन्ना की मांग बढ़ेगी, जिससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा.
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