बारिश का पानी गेहूं के खेत में लग जाए तो क्या करें, फसल को खराब होने से कैसे बचाएं?

बारिश का पानी गेहूं के खेत में लग जाए तो क्या करें, फसल को खराब होने से कैसे बचाएं?

पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है. ऐसे में गेहूं के खेतों में जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो यह उपाय अपनाकर इससे बच सकते हैं. क्या हैं वो उपाय आइए जानते हैं.

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Knowledge: बारिश का पानी गेहूं के खेत में लग जाए तो क्या करें?गेहूं के खेत में पानी लगने की समस्या

बदलते मौसम के कारण किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कभी बारिश तो कभी पानी की कमी के कारण फसलों का नष्ट होना किसानों के लिए हमेशा घाटे का सौदा रहा है. खासकर अगर गेहूं की फसल की बात करें तो इसके लिए अधिक पानी नुकसानदायक साबित हो सकता है. पिछले कुछ हफ्तों से देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश और पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि के कारण गेहूं गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिससे बचने के लिए किसान कई तरह के उपायों को अपना रहे हैं ताकि गेहूं की फसल को बर्बाद होने से रोक पाएं.

जानकारों के मुताबिक अगर फसल पकने के करीब है तो नमी सूखने के बाद ही उसकी कटाई करें. गेहूं की कटाई करते समय उसकी नमी का ध्यान रखें. गेहूं में नमी की मात्रा जितनी अच्छी होगी, उसकी भंडारण क्षमता उतनी ही अधिक होगी. अगर आप इसे घर पर स्टोर करना चाहते हैं तो इसे कम से कम नमी में सुखाकर और थ्रेसिंग करके स्टोर करें. अब आइए जानते हैं कि अगर बारिश का पानी गेहूं के खेत में लग जाए तो किसानों को क्या करना चाहिए.

गेहूं को नुकसान से बचाने का तरीका

पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में बारिश और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है. ऐसे में गेहूं के खेतों में जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो यह उपाय अपनाकर इससे बच सकते हैं. नुकसान से बचने के लिए जल निकासी का प्रबंध करें. खेतों में जलभराव होने पर 750 ग्राम जिंक, पांच किलोग्राम यूरिया को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इसमें 19:19:19 की मात्रा में एनपीके के दो पैकेट मिला दें. जिसके बाद किसानों को खेतों में जलभराव की समस्या से निजात मिल सकती है.

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जिप्सम का भी करें इस्तेमाल

इसके अलावा किसान प्रति एकड़ चार से पांच बैग जिप्सम भी जरूर डालें. जिप्सम खेतों से पानी सोखने का काम करता है. हरियाणा के किसानों को बता दें कि अगर आप अपने खेतों में जिप्सम डालना चाहते हैं तो हरियाणा भूमि सुधार निगम में यह उपलब्ध है, यहां से किसान आसानी से जिप्सम प्राप्त कर सकते हैं. जिप्सम के एक छिड़काव के बाद किसान 10 दिन बाद दोबारा छिड़काव कर सकते हैं, यह पानी सोखने का बेहतर विकल्प है.

बेमौसम बारिश से गेहूं को नुकसान!

तो आइए ये भी जान लेते हैं कि किन इलाकों में बेमौसमी बारिश से गेहूं कि फसल को नुकसान की संभावना है. बीते दिन बिहार, यूपी, झारखंड और कुछ अन्य राज्यों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं, इससे कई फसलों के नुकसान कि आशंका है. इसमें एक फसल गेहूं भी है. यूपी के कुछ किसानों ने बताया कि तेज हवाओं और बारिश से गेहूं की फसल भी गिर गई है. गेहूं की अगेती फसल के गिरने से नुकसान हुआ है. इससे उपज पर प्रभाव पड़ेगा. इससे कल्ले और नई बालियां नहीं बनेगी, जिससे उपज पर प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, गेहूं की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद भी साबित हो सकती है. 

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गेहूं के खेतों में इस समय काफी सूखा था और पछुआ हवा के कारण खेतों में नमी कम हो गई थी. बारिश के बाद नमी का स्तर बढ़ने से गेहूं की फसल को संजीवनी मिल गई है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल में इस समय बारिश से नमी मिलना लाभकारी है. लेकिन कई जगह तेज ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को भी नुकसान हुआ है.

2025 में गेहूं उत्पादन का अनुमान

इस साल रबी सीजन में गेहूं की बुआई के आंकड़े काफी अच्छे हैं. 4 फरवरी तक 324.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल (318.33 लाख हेक्टेयर) से ज्यादा है. सरकार ने इस साल गेहूं उत्पादन 115 मिलियन टन (एमटी) रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल के 113.29 मिलियन टन से ज्यादा है. कुल मिलाकर इस साल गेहूं उत्पादन के अच्छे संकेत हैं, लेकिन तापमान में बढ़ोतरी के कारण किसानों को सतर्क रहना होगा.

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