इन दिनों भारत में जैविक खाद की खूब चर्चा है. कई किसान जैविक खाद से अपनी खेती कर रहे हैं और इसमें तेजी से सफलता भी पा रहे हैं. इस खाद में पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं यह खेती किसानी के लिए इतनी लाभदायक है कि वे इसे लंबे समय तक आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें लागत कम आती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. इसलिए किसानों को इसमें फायदा होता है. जैविक खाद को एक टिकाऊ बिजनेस मॉडल के तौर पर विकसित किया जा रहा है.
दरअसल खेती में रसायनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण मिट्टी अपनी उपजाऊ शक्ति खोती जा रही है. इससे साल दर साल फसलों का उत्पादन कम होता जा रहा है. ऐसी ही समस्याओं को देखते हुए किसान तेजी से जैविक खाद से खेती कर रहे हैं. वहीं किसान जैविक खाद में कई तरीके से खाद बनाते हैं जिसमें कंपोस्ट शामिल है. पर क्या आप जानते हैं कि कंपोस्ट खाद किस चीज से बनाई जाती है और किससे नहीं.
किसान कंपोस्ट खाद बनाने के लिए घास की कतरन और खरपतवार का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा पौधों की पत्तियां और बगीचे के कचरे, फल और सब्जी के कचरे से आप आसानी से कंपोस्ट खाद बना सकते हैं. आमतौर पर कंपोस्ट खाद को कूड़ा खाद भी कहा जाता है. इसके अलावा ये पशुओं के मलमूत्र, पशुओं के गोबर, खेतों आदि से भी बनाया जाता है. वहीं कंपोस्ट खाद की खासियत ये होती है कि ये गंध रहित होती है.
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अगर आप कंपोस्ट खाद बना रहे हैं तो आप इन बातों का ध्यान दें कि कुछ चिजों की मदद से खाद न बनाएं. उसमें मांस, हड्डियां या मछली के अवशेष शामिल हैं. इसके अलावा चर्बी, डेयरी उत्पाद और पके हुए अनाज की मदद से भी खाद न बनाएं क्योंकि इन चीजों से बनी हुई कंपोस्ट खाद फसलों के लिए हानिकारक होती है.
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