खरीफ सीजन 2025 की बुआई जोरों पर है, लेकिन इस समय कई जिलों में किसानों को यूरिया, डीएपी और अन्य फास्फेटिक उर्वरकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए उर्वरक उत्पादक कंपनियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की है. उत्तर प्रदेश को इस खरीफ सीजन में केंद्र सरकार से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन मिला है. लेकिन अब तक केवल 5.37 लाख मीट्रिक टन यानी 59% ही किसानों तक पहुंच पाया है. डीएपी और एनपीके की कुल उपलब्धता 5.58 लाख मीट्रिक टन है. मंत्री ने कृभको, इफको, आरसीएफ और आईपीएल जैसी कंपनियों की धीमी आपूर्ति पर नाराजगी जताई है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि यदि कोई कंपनी या विक्रेता ओवररेटिंग, बंडल बिक्री या टैगिंग करता है, तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी.
फिलहाल प्रदेश में 9.18 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 5.58 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद उपलब्ध है. यह खाद सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से किसानों को दी जा रही है. कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, आगरा और बरेली जैसे जिलों में खाद की उपलब्धता बेहतर बताई गई है.
राज्य में रोजाना 48,384 मीट्रिक टन यूरिया की खपत हो रही है, जबकि केवल 18,187 मीट्रिक टन की ही आपूर्ति हो पा रही है. इस अंतर को कम करने के लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं कि निजी कंपनियों की खाद का 50% हिस्सा सहकारी समितियों को दिया जाए.
यदि किसी किसान को खाद नहीं मिल रही है या ओवररेटिंग की शिकायत है, तो वे निम्नलिखित स्थानों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए.
खरीफ सीजन के साथ ही नकली खाद बेचने वालों की भी सक्रियता बढ़ गई है. कई दुकानदार ज्यादा लाभ के चक्कर में नकली खाद बेच रहे हैं, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है. सरकार किसानों से अपील कर रही है कि वे केवल सहकारी समितियों या प्रमाणित विक्रेताओं से ही खाद खरीदें.
गोंडा, यूपी: दुर्गागंज चौराहे की एक दुकान से नकली डीएपी जब्त की गई. तीन बोरी खाद की जांच में नकली साबित हुई, दुकान सील कर दी गई और एफआईआर दर्ज की गई.
रायसेन, मध्यप्रदेश: बागोद गांव में नकली खाद से भरा ट्रक पकड़ा गया. ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन ने कार्रवाई की और उर्वरक की 92 बोरियां जब्त की गईं.
खाद की कमी से किसान जरूर परेशान हैं, लेकिन सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि जल्द से जल्द पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराए जाएं. किसानों को चाहिए कि वे जागरूक रहें, नकली खाद से बचें और किसी भी समस्या की सूचना तुरंत दें.
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