किसान ने बनाया मूंगफली खोदने का देसी औजार, एक एकड़ में 2500 रुपये का आता है खर्च  

किसान ने बनाया मूंगफली खोदने का देसी औजार, एक एकड़ में 2500 रुपये का आता है खर्च  

मूंगफली खोदने के देसी औजार का नाम स्ट्रिपर है. इस मशीन को 0.2 HP पावर वाली विद्युत मोटर की सहायता से चलाया जाता है. इस मशीन का आकार बेलनाकार है. ये मशीन सभी तरफ से बंद है और इसमें तीन खुले स्थान हैं.

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किसान ने बनाया मूंगफली खोदने का देसी औजार, एक एकड़ में 2500 रुपये का आता है खर्च  किसान ने बनाया मूंगफली खोदने का देसी औजार

देश के किसान देसी तकनीक और जुगाड़ से ऐसे-ऐसे आविष्कार कर देते हैं, जो इंजीनियरों को भी सोचने पर मजबूर कर देते हैं. कहा जाता है कि कठिन कामों को भी देसी जुगाड़ से बनी चीजें काफी आसान बना देती हैं. ऐसी ही एक खेती है मूंगफली की जिसे किसानों के लिए काफी कठिन माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मूंगफली खोदने में बहुत मेहनत लगती है. लेकिन एक किसान ने अपनी कड़ी मेहनत से मूंगफली खोदने का देसी औजार बना दिया.

ये किसान तमिलनाडु के इरोड जिले के रहने वाले हैं. इनका नाम मोहनसुंदरम है. किसान मोहनसुंदरम ने छोटे और मध्यम किसानों के लिए किफायती प्रक्रिया में पोर्टेबल मूंगफली फली स्ट्रिपर बनाया है. 

मूंगफली खोदने का देसी औजार

मूंगफली खोदने के देसी औजार का नाम स्ट्रिपर है. इस मशीन को 0.2 HP पावर वाली विद्युत मोटर की सहायता से चलाया जाता है. इस मशीन का आकार बेलनाकार है. ये मशीन सभी तरफ से बंद है और इसमें तीन खुले स्थान हैं. इस मशीन को दो लोगों को एक साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस मशीन का उपयोग करके किसान दो या तीन दिनों में एक एकड़ क्षेत्र की मूंगफली की खुदाई कर सकता है.

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देसी औजार के क्या हैं फायदे

इस मशीन के उपयोग से खेतों में मूंगफली खोदने में कम लोगों की जरूरत होती है. वहीं इस मशीन से काटी गई फलियां साफ रहती हैं और फली टूटती नहीं है. इस मशीन में अटैचमेंट को ब्लोअर कहा जाता है, इससे महिला मजदूरों की मेहनत भी कम हो जाती है. इस मशीन को साइकिल की सहायता से भी आसानी से खेतों में या कही और ले जाने में आसानी होती है. 

इतनी है इस मशीन की लागत 

स्ट्रिपिंग मशीन से मूंगफली खोदने में किसानों को एक एकड़ के इस्तेमाल में 2500 रुपये लागत आती है. वहीं किसान मोहनसुंदरम 1.5 एकड़ में खेती करते हैं. उनके खेती की अनुभव की बात करें तो वह 40 सालों से खेती करते आ रहे हैं. उन्होंने 20 साल की उम्र में ही खेती करनी शुरू कर दी थी. वो अपने खेतों में सबसे अधिक धान की फसल उगाते हैं. उन्होंने बताया कि इस मशीन के इस्तेमाल से किसानों को मूंगफली की फसल को खोदना आसान हो गया है.

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