खाद कालाबाजारी पर सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक (सांकेतिक फोटो)देश सहित बिहार में इन दिनों किसानों को उर्वरकों की सबसे अधिक आवश्यकता है. कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में उर्वरकों को लेकर दुकानों पर हंगामा भी देखने को मिला है. वहीं, बिहार में रबी सीजन के दौरान किसानों को उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो, इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. उर्वरक की कालाबाजारी को रोकते हुए कृषि विभाग की ओर से करीब 31 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और 83 के प्राधिकार पत्र रद्द किए जा चुके हैं. विभाग के मंत्री सहित प्रधान सचिव ने स्पष्ट कहा है कि किसानों को उर्वरकों को लेकर किसी तरह की किल्लत नहीं होने दी जाएगी और राज्य में हाल के समय में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.
कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने बताया कि हाल के समय में राज्य के सभी जिलों में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. वहीं, आज की तारीख तक राज्य में 2.37 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.23 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.10 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.40 लाख मीट्रिक टन एमओपी तथा 1.11 लाख मीट्रिक टन एसएसपी का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. यह भंडार रबी फसलों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त है और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है.
राज्य में उर्वरकों की कालाबाजारी को रोकने के लिए उड़नदस्ता दल का गठन किया गया है, जो प्राप्त शिकायतों के आधार पर तुरंत कार्रवाई कर रहा है. हाल के समय तक रबी मौसम 2025-26 के दौरान 24 दिसंबर तक अनियमितताओं के विरुद्ध 31 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा कुल 83 उर्वरक प्रतिष्ठानों का उर्वरक प्राधिकार पत्र रद्द किया गया है. उर्वरक की कालाबाजारी, तस्करी एवं अधिक मूल्य पर विक्रय को रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा सख्त निगरानी रखी जा रही है तथा लगातार छापामारी अभियान चलाया जा रहा है.
कृषि विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशानुसार 25 एवं 26 दिसंबर को राज्य भर के उर्वरक प्रतिष्ठानों में पीओएस मशीन में दर्शाई गई उर्वरक की मात्रा एवं भौतिक रूप से उपलब्ध उर्वरक की मात्रा का विशेष सत्यापन किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत चिन्हित किया जा सके. वहीं, जिला स्तर के कृषि पदाधिकारियों द्वारा जीरो ऑफिस डे के तहत उर्वरक प्रतिष्ठानों की जांच के साथ-साथ किसानों से भी संवाद किया जा रहा है. वहीं, जहाँ जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठकें अब तक आयोजित नहीं हुई हैं, वहाँ यथाशीघ्र बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में विशेष छापामारी दल गठित कर सशस्त्र सीमा बल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उर्वरक की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
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