बजट 2026 में पीएम किसान स्कीम के पैसे बढ़ सकते हैंकेंद्रीय बजट 2026 आने वाला है, और पूरे देश के किसान बेसब्री से उन घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं जो उनकी कमाई, सब्सिडी और कृषि सहायता पर असर डाल सकती हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य, सिंचाई, फसल बीमा और कृषि लोन के लिए बजट प्रावधान खेती की दशा-दिशा तय करते हैं. जब किसान लगातार कमाते हैं, तो ग्रामीण खर्च बढ़ता है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे एक चेन रिएक्शन होता है, जिससे गांवों के बाहर भी सामान, सेवाओं और छोटे बिजनेस की मांग बढ़ती है. सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सरकार किसानों को किस तरह राहत देती है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण पीएम किसान योजना से जुड़ी घोषणा हो सकती है.
बजट 2026 में नया बीज कानून भी फोकस में रहेगा. सरकार बजट सत्र में एक सख्त और मजबूत बीज कानून लाने की तैयारी में है. इससे देश में खेती के तौर-तरीकों से बीज से जुड़े बिजनेस में बड़ा बदलाव हो सकता है. किसानों को इस कानून का इंतजार है ताकि घटिया या नकली बीज से छुटकारा मिले. बजट में और क्या खास हो सकता है, आइए जान लेते हैं-
सभी की निगाहें केंद्रीय बजट 2026 और PM-किसान योजना पर हैं, क्योंकि किसानों को उम्मीद है कि ऐसे कदम उठाए जाएंगे जो आय बढ़ाएंगे और खेती में खर्च की टेंशन को कम करेंगे.
सरकार बजट सत्र में नया बीज विधेयक, 2025 पेश करने की तैयारी कर रही है. यह प्रस्तावित कानून करीब छह दशक पुराने बीज अधिनियम, 1966 और बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 की जगह लेगा. नए विधेयक में बीज की किस्मों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा.
बीज विधेयक, 2025 का मुख्य उद्देश्य किसानों को हाई क्वालिटी वाले बीजों की सुनिश्चित आपूर्ति करना, बाजार में नकली और घटिया बीजों की बिक्री पर रोक लगाना और बीज उद्योग के नियमों को मौजूदा जरूरतों के हिसाब से सरल और प्रैक्टिकल बनाना है.
सरकार इस विधेयक के माध्यम से कई बड़े लक्ष्यों को हासिल करना चाहती है. इनमें सबसे अहम लक्ष्य किसानों को खेती के लिए बेहतर क्वालिटी वाले बीज और रोपाई के सामान उपलब्ध कराना है. साथ ही, यह कानून नकली और खराब बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाएगा, बीज आयात को अधिक आसान और सुविधाजनक बनाएगा और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा को मजबूत करेगा.
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