मुंबई में एशियन सीड कांग्रेस आयोजितअंतरराष्ट्रीय स्तर की एशियन सीड कांग्रेस 2025, जिसमें दुनिया के 50 से अधिक देशों के बीज उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, आज नई ऊंचाइयों पर पहुंची. इसमें 1200 से अधिक बीज कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यहां बीज से जुड़े 3500 से अधिक व्यापारिक बैठकों का आयोजन हुआ, जिसकी जानकारी सामने आई है. इन बैठकों में बीज और बीज प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान हुआ.
भारत ने अपने बीज निर्यात को वर्तमान 800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 5000 करोड़ रुपये से अधिक तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. भारत के पास वैश्विक बीज उद्योग का केंद्र बनने की अत्यंत अनुकूल स्थिति है. इस लक्ष्य को पाने में यह सीड कांग्रेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, ऐसा बीज उद्योग से जुड़े प्रमुख उद्यमियों का कहना है.
2015 में गोवा में एशियन सीड कांग्रेस का आयोजन किया गया था. इसके बाद पूरे 10 वर्षों के अंतराल के बाद मुंबई में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कांग्रेस में एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप महाद्वीपों के 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. उनमें बीज और बीज प्रौद्योगिकी का व्यापक स्तर पर आदान-प्रदान हुआ. दो दिनों तक चले चर्चा सत्रों में भारत सहित कई देशों के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने बीज उद्योग के विकास, किसानों की प्रगति और संबंधित देशों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया.
टेक वाह को, अध्यक्ष, एशिया पैसिफिक सीड अलायंस (APSA) ने कहा, भारतीय बीज उद्योग में निवेश के लिए और बीज उत्पादन वृद्धि के क्षेत्र में मुझे बड़ी संभावनाएं दिखाई देती हैं. भारत में बौद्धिक संपदा कानून में होने वाले सुधार भविष्य में इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देंगे. इससे भारत के वैश्विक बीज हब बनने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी और देश की खाद्य सुरक्षा भी और मजबूत होगी — ऐसी हमारी अपेक्षा है.
एम. प्रभाकर राव, अध्यक्ष, नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा, इस सम्मेलन में कुल कितने करोड़ रुपये के सौदे हुए, इसका अनुमान लगाना कठिन है. बस इतना कह सकते हैं कि भारत सरकार ने बीज निर्यात के जो लक्ष्य तय किए हैं, यह सम्मेलन उन्हें आगे बढ़ाने में अत्यंत सहायक सिद्ध हुआ है.
ताकाहिरो एंडो, उपाध्यक्ष, एशिया पैसिफिक सीड अलायंस (APSA) ने कहा, भारत में आयोजित इस एशियन सीड कांग्रेस से हम अत्यंत संतुष्ट हैं. यहां बीज उद्यमियों के बीच बहुत अच्छा संवाद हुआ, और बड़े पैमाने पर उपयोगी आदान-प्रदान देखने को मिला. हमारी संस्था विश्वभर में कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. भारत और जापान के बीच अत्यंत अच्छे संबंध हैं, और दोनों देशों में बीज का बड़ा बाज़ार है, जो भविष्य में और विस्तार करेगा. इस दृष्टि से भी यह आयोजन अत्यंत लाभदायक रहा.
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