मक्का की बुवाई की तैयारियों में जुटे किसानों के लिए पूसा ने नई हाइब्रिड मक्का बीज पूसा फोरेज मक्का हाइब्रिड- (AFH-7) पेश किया है. यह पशुओं के लिए हरे चारे के रूप में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है. जबकि, मक्का उत्पादन के लिए भी किसानों के लिए फायदेमंद हैं. उपज और चारे के रूप में इस्तेमाल होने के साथ ही यह किस्म चित्तीदार तना छेदक और पत्ता झुलसा रोगों को खत्म करने और उन्हें पनपने से रोकने में भी सक्षम है और इसी के चलते इस हाइब्रिड किस्म की बुवाई की सलाह किसानों को दी गई है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली (ICAR-IARI) ने मक्का की हाईब्रिड किस्म पूसा फोरेज मक्का हाइब्रिड-AFH-7 (Pusa Forage Maize Hybrid-1 (AFH-7)) को विकसित किया है और इसे बुवाई के लिए किसानों को सलाह दी है. रबी सीजन में बुवाई के लिए यह किस्म उन इलाकों के लिए उपयुक्त बताई गई है जहां सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था है. किसानों को ठंड के मौसम में हरे चारे के रूप में इसकी बुवाई की सलाह दी गई है.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली (ICAR-IARI) के अनुसार पूसा फोरेज मक्का हाइब्रिड- (AFH-7) किस्म पर्याप्त सिंचाई सुविधाओं वाले इलाकों में बुवाई के लिए उत्तम है. इस किस्म को उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के तराई क्षेत्र में बुवाई के लिए सबसे उत्तम बताया गया है. इन इलाकों के किसानों से रबी सीजन में बुवाई के लिए सलाह दी गई है. जबकि, इस किस्म को खरीफ सीजन में भी बोया जा सकता है.
पूसा फोरेज मक्का हाइब्रिड- (AFH-7) किस्म की बुवाई से किसान प्रति हेक्टेयर में 413 क्विंटल से अधिक हरा चारा उपज हासिल कर सकते हैं. जबकि, मक्का का दाना भी वह हासिल कर सकते हैं. ICAR-IARI के अनुसार यह किस्म 95 दिनों में तैयार हो जाती है. जबकि, देरी के बावजूद अधिकतम 105 दिन में यह पूरी तरह कटाई के लिए तैयार होती है. इसमें न्यूट्रल डिटर्जेंट फाइबर (NDF) 62.5 फीसदी और इनविट्रो ड्राई मैटर डाइजेस्टिबिलिटी (IVDMD) 56.4 फीसदी होने के चलते यह पशुओं के लिए बेहद लाभकारी साबित होती है.
पूसा फोरेज मक्का हाइब्रिड-AFH-7 (Pusa Forage Maize Hybrid-1 (AFH-7)) किस्म फसल में लगने वाले दो रोगों मेडिस लीफ ब्लाइट (MLB) यानी पत्ती झुलसा रोग को रोकने में सक्षम है. आमतौर पर मक्के की फसल में यह रोग पौधे के विकास को तो रोकता ही है, बल्कि उसके पोषक तत्वों को भी मार देता है. यह किस्म चिलो पार्टेलस यानी चित्तीदार तना छेदक कीट को फसल में पनपने नहीं देता है. यह कीट भी पौधे के तने को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उसका विकास रुक जाता है. इन दोनों की रोकथाम करने में सक्षम होने के चलते यह किस्म हरे चारे के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों से लैस हो जाती है.
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