महाराष्ट्र में Asian Seed Congress का आयोजन, शिवराज सिंह भी पहुंचे, जानें क्या बोले

महाराष्ट्र में Asian Seed Congress का आयोजन, शिवराज सिंह भी पहुंचे, जानें क्या बोले

महाराष्ट्र में आयोजित एशियन सीड कांग्रेस 2025 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे. 40 देशों की बीज कंपनियों ने भाग लिया और किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज और नई तकनीक पर चर्चा हुई.

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महाराष्ट्र में Asian Seed Congress का आयोजन, शिवराज सिंह भी पहुंचे, जानें क्या बोलेAsian Seed Congress 2025

आज महाराष्ट्र में भव्य एशियाई बीज सम्मेलन 2025 का आयोजन हुआ. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना और नकली बीजों की समस्या को कम करना है. कई बार देखा गया है कि खराब गुणवत्ता वाले बीजों के कारण किसानों को भारी नुकसान होता है. इससे न केवल फसलें बर्बाद होती हैं, बल्कि खाद-पानी जैसी अन्य चीज़ों पर भी किसानों का पैसा बर्बाद होता है. ऐसे में, सरकार किसानों को खराब गुणवत्ता वाले बीज खरीदने से रोकने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है. 

मुंबई में 10 साल बाद एशियन सीड कांग्रेस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि 10 वर्षों के बाद भारत में एशियन सीड कांग्रेस का आयोजन किया गया है और इस बार मुंबई को इसे आयोजित करने का सौभाग्य मिला. उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 40 देशों की बीज कंपनियां शामिल हुई हैं.

किसानों के लिए बेहतर बीज और टेक्नोलॉजी

फडणवीस ने कहा कि सरकार इन कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी ताकि किसानों को उत्तम गुणवत्ता के बीज मिल सकें. उन्होंने यह भी बताया कि नकली बीजों को खत्म करने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे कृषि क्षेत्र में किसानों को सटीक और भरोसेमंद बीज उपलब्ध होंगे.

शिवराज सिंह चौहान का संदेश

शिवराज सिंह चौहान ने भी किसानों और बीज उद्योग के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन किसानों को नई तकनीक और बेहतर बीजों से जोड़ने में मदद करते हैं. आपको बता दें नकली बीज औए खाद के काला बाजारी को रोकने का काम शिवराज सिंह चौहान लंबे समय से करते आ रहे हैं.

एशियन सीड कांग्रेस 2025 का आयोजन न केवल भारत में कृषि उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह किसानों और बीज कंपनियों के बीच सहयोग को भी मजबूत करता है. महाराष्ट्र और मुंबई के लिए यह कृषि और उद्योग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा.

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