Alert! गेहूं की फसल पर मंडरा रहा खतरा, इस वजह से खेती नहीं कर पा रहे किसान

Alert! गेहूं की फसल पर मंडरा रहा खतरा, इस वजह से खेती नहीं कर पा रहे किसान

हरियाणा के कई गांवों में गेहूं की खेती पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे किसान काफी परेशान हैं. किसानों का कहना है कि वो अपने खेतों में समय से गेहूं की बुवाई  नहीं कर पाए हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है.

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Alert! गेहूं की फसल पर मंडरा रहा खतरा, इस वजह से खेती नहीं कर पा रहे किसानगेहूं की फसल पर मंडरा रहा खतरा

हरियाणा के रोहतक जिले में मॉनसून में हुए जोरदार बारिश का असर अभी भी देखा जा रहा है. दरअसल,  महम उप-मंडल के कई गांवों की कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा जमे हुए बरसात के पानी को निकालने के लिए पंप लगाने के बावजूद जलमग्न बना हुआ है. इस स्थिति ने किसानों को बेहाल कर दिया है. भैणी चंद्रपाल गांव के एक परेशान किसान शमशेर ने कहा कि चार महीने से भी ज़्यादा समय पहले हुई बारिश के पानी ने उनकी 11 एकड़ में फैली बाजरा और कपास की फसलों को बर्बाद कर दिया था. हालांकि, छह एकड़ से पानी निकल गया है, लेकिन बाकी जमीन अभी भी जलमग्न है, जिससे उन्हें अगली गेहूं की फसल बोने को लेकर चिंता हो रही है. उन्होंने बताया कि गांव के कई अन्य किसान भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं.

जलभराव से किसानों को जल्द मिलेगा छुटकारा

इसे गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त सचिन गुप्ता ने अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ हाल ही में बहलबा, भैणी चंद्रपाल, भैणी सुरजन, सैमाण, भैणी मातो, भैणी महाराजपुर और भैणी भैरों गांवों का दौरा किया. उन्होंने महम उप-मंडल के अंतर्गत अलग-अलग गांवों में चल रहे जल निकासी कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए 10 दिनों के भीतर खुले नाले की परियोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे उपाय भविष्य में बाढ़ को रोकने में सहायक होंगे.

खेतों से पानी निकालने के सख्त निर्देश

सैमाण गांव के दौरे के दौरान उपायुक्त ने गांव की पानी की टंकी के पास जमा गंदे पानी की समस्या को गंभीरता से लिया और महम के उप-मंडल अधिकारी (जन स्वास्थ्य) को लापरवाही के लिए मौके पर ही चार्जशीट देने के निर्देश दिए. उन्होंने जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता को निवासियों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों के खेतों से पानी की निकासी के लिए तत्काल व्यवस्था की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि पानी की निकासी प्राकृतिक बहाव के अनुसार होनी चाहिए और जहां भी यह बहाव बाधित हुआ है, वहां पुलियों को साफ करके उसे बहाल किया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो भी इस प्रक्रिया का विरोध या बाधा उत्पन्न करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.

किसान जल्द कर सकेंगे गेहूं की खेती

उपायुक्त ने ज़ोर देकर कहा कि कोई भी व्यक्ति सड़कों और रास्तों पर बनी पुलिया या रास्तों को अवरुद्ध न करे. उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन सभी खेतों से पानी की पूरी निकासी सुनिश्चित करेगा. उन्होंने सैमाण गांव के तालाब से जमा गंदे पानी को निकालने के भी निर्देश दिए. गुप्ता ने ग्रामीणों से जल निकासी के प्रयासों में जिला प्रशासन का सहयोग करने की भी अपील की ताकि गेहूं की बुवाई बिना किसी देरी के शुरू हो सके. उन्होंने सभी जल निकासी बिंदुओं पर स्थिति का व्यक्तिगत रूप से जायजा लिया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.

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