हरियाणा के किसान एक बार फिर अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर हैं. इस बार किसानों ने सोनीपत के लघु सचिवालय में अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी कई अहम मांगें रखीं. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि किसानों की मुख्य समस्याएं यूरिया और डीएपी खाद की कालाबाजारी, और ईस्टर्न रेलवे कॉरिडोर के बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान न होना है.
हरियाणा में किसानों को यूरिया और डीएपी खाद समय पर और उचित दामों पर नहीं मिल पा रही है. किसान नेता का आरोप है कि कई दुकानदार खाद की कालाबाजारी (ब्लैक मार्केटिंग) कर रहे हैं. यह खाद दुकानों में तो मौजूद है, लेकिन अधिक दाम पर बेची जा रही है या छुपाकर रखी जा रही है.
ईस्टर्न रेलवे फ्रेट कॉरिडोर (Eastern Railway Freight Corridor) के लिए किसानों की जमीन ली गई थी. उस समय सरकार ने मुआवजा बढ़ाने का वादा किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में एक कमेटी बनी थी जिसने मुआवजा राशि बढ़ाई भी थी. लेकिन आज तक किसानों को वह बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है.
अधिकारी कह रहे हैं कि मुआवजा आ चुका है, लेकिन किसानों को अब तक कोई पैसा नहीं मिला. इससे किसानों में गहरी नाराजगी है और वे अब बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.
अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि किसानों की लंबित मांगों को लेकर 25 अगस्त को दिल्ली में एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी. इस रैली में हरियाणा के किसान अपनी आवाज बुलंद करेंगे और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करेंगे.
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि हरियाणा में बढ़ते अपराध भी चिंता का विषय हैं. खासकर युवा वर्ग अपराध की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा:
हरियाणा के किसान यूरिया और डीएपी की कमी, कालाबाजारी, और मुआवजे की देरी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं. प्रशासन और सरकार को चाहिए कि वह किसानों की बात सुने और समय रहते समाधान निकाले. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today