रसोई के कचरे से कैसे बनाएं जैविक खाद? कौन सा कचरा इस्तेमाल कर सकते हैं और कौन सा नहीं?  

रसोई के कचरे से कैसे बनाएं जैविक खाद? कौन सा कचरा इस्तेमाल कर सकते हैं और कौन सा नहीं?  

रसोई के कचरे से खाद बनाना पर्यावरण, खेती और व्यक्तिगत जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है. यह न केवल कचरे की मात्रा को कम करता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार करता है. 

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किचन के कचरे से खाद बनाने का इससे आसान तरीका नहीं सुना होगा आपनेरसोई के कचरे से बनाएं जैविक खाद (फोटो- गेटी इमेज)

आज के दौर में, जब पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही हैं, रसोई के कचरे से खाद बनाना न केवल पर्यावरण को बचाने का एक तरीका है, बल्कि यह खेती और बागवानी में भी मददगार साबित हो रहा है. रसोई के बचे हुए कचरे को सीधे फेंकने की बजाय, इसे खाद में बदलकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है. 

रसोई के कचरे से खाद बनाने का महत्व

दरअसल, रसोई का कचरा जब लैंडफिल में जाता है, तो यह ग्रीनहाउस गैसों जैसे मीथेन का उत्पादन करता है, जो जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा कारण है. खाद बनाने से इन गैसों का उत्पादन रोका जा सकता है. वहीं, रसोई के कचरे से जो खाद बनती है वो मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व देती है, जिससे मिट्टी की संरचना बेहतर होती है और फसलों की गुणवत्ता में सुधार आता है.

इसके अलावा, खाद बनाकर महंगे केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता कम की जा सकती है, जिससे खेती और बागवानी की लागत घटती है. 

कौन-कौन से कचरे का उपयोग किया जा सकता है?

खाद बनाने के लिए निम्नलिखित रसोई के कचरे का उपयोग किया जा सकता है:

  • फल और सब्जियों के छिलके
  • चाय पत्ती और कॉफी के अवशेष
  • अंडे के छिलके
  • सूखे फूल और घास की कटाई
  • ब्रेड, चावल और पके हुए अनाज
  • जड़ी-बूटियां और मसाले

खाद बनाने के आसान तरीके

1. खुद घर में बनाएं खाद- खाद बनाने के लिए घर के पीछे कोई सूखी और छायादार जगह चुनें. हरे कचरे (फल और सब्जियों के छिलके) और भूरे कचरे (सूखे पत्ते, कागज) की परत बनाएं. इसे नियमित रूप से पलटते रहें ताकि ऑक्सीजन की आपूर्ति हो और कचरा जल्दी सड़े. इसमें नमी का ध्यान रखें, ताकि खाद गीली लेकिन बहुत भीगी न हो.

2. खास खाद के डिब्बे का उपयोग- बाजार में उपलब्ध खाद डिब्बे का उपयोग करके प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है. यह डिब्बा कचरे को जानवरों और कीड़ों से बचाता है. नियमित रूप से नमी और ऑक्सीजन का ध्यान रखें. 

3. वर्मी कंपोस्टिंग (केंचुआ खाद)- केंचुआ खाद में विशेष प्रकार के लाल केंचुओं का उपयोग किया जाता है. कचरे के ऊपर नारियल के रेशे या अखबार डालें और केंचुओं को उनके काम पर लगने दें. यह प्रक्रिया बहुत पोषक खाद तैयार करती है.

4. गड्ढा खाद (ट्रेंच कंपोस्टिंग)- आप ट्रेंच कंपोस्टिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए खेत या बगीचे में 8-12 इंच गहरा गड्ढा खोदें. रोजाना रसोई का कचरा इसमें डालें और मिट्टी से ढक दें. यह कचरा धीरे-धीरे सड़कर मिट्टी को पोषक बनाता है.

(फोटो/गेटी इमेज)
(फोटो/गेटी इमेज)

खाद बनाने में ध्यान रखने वाली बातें

1. सही अनुपात
हरे और भूरे कचरे का सही अनुपात (लगभग 30:1) बनाए रखें. 

2. नमी का ध्यान
खाद न तो बहुत सूखी होनी चाहिए और न ही बहुत गीली. 

3. बदबू से बचाव
अगर खाद से बदबू आ रही हो, तो भूरे कचरे की मात्रा बढ़ाएं और इसे पलटें. 

4. कीड़ों से बचाव
खाद में मांस और तेल जैसे चीजें न डालें, जो कीड़ों को आकर्षित कर सकती हैं।

हालांकि, आपको इसे बनाते हुए कई परेशानियां भी आ सकती हैं. जैसे खाद का धीमा बनना. इससे बचने के लिए कचरे के छोटे टुकड़े करें और नियमित रूप से खाद पलटें. अगर खाद बहुत ज्यादा गीला या सूखा हो गया है तो गीले कचरे में सूखे पत्ते डालें और सूखी खाद में थोड़ा पानी डालें. या फिर अगर उसमें कीड़े हो गए हैं तो खाद को मिट्टी से ढकें या बंद डिब्बे का उपयोग करें. 


 

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