खरीफ 2023 में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा राज्य में एक लाख एकड़ में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों के माध्यम से किसानों को 10 हजार क्विंटल बीज का वितरण किया जाएगा. इस योजना के तहत रोहतक जिले में दो हजार एकड़ जमीन का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए किसानों को 200 क्विंटल ग्रीष्मकालीन मूंग बीज दिया जाएगा.
डीसी डॉ. यशपाल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार इच्छुक किसान समर मूंग का बीज प्राप्त करने के लिए 10 अप्रैल तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के साथ लिंक की गई कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करवाएं. किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज के लिए 25 प्रतिशत कीमत अदा करनी होगी. बाकी 75 प्रतिशत कीमत हरियाणा बीज विकास निगम द्वारा संबंधित कृषि उप निदेशकों से ली जाएगी.
सरकार के निर्णय के अनुसार उपायुक्त इस योजना की निगरानी करेंगे. प्रदेश में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज का वितरण करेगी. मिट्टी की उर्वरता में सुधार और किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करने के उद्देश्य से, सरकार 10,000 क्विंटल ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज वितरित करेगी.
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डीसी डॉ. यशपाल ने बताया कि किसानों को कोई समस्या ना हो इसके लिए विभाग द्वारा एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित किया जाएगा. पहचान सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों द्वारा किसानों को उनके मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाएगा. ग्रीष्मकालीन मूंग बीज प्राप्त करने के लिए पंजीयन हेतु विभाग की वेबसाइट 10 अप्रैल तक खुली रहेगी.
हरियाणा बीज विकास निगम ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज प्राप्त करने वाले किसानों और बेचे गए ग्रीष्मकालीन मूंग के बीज का रिकॉर्ड रखेगा. एक किसान तीन एकड़ के लिए केवल 30 किलो बीज ही खरीद सकता है. रजिस्ट्रेशन के लिए किसान पहचान पत्र, आधार कार्ड/वोटर आईडी कार्ड या किसान कार्ड अनिवार्य है.
तीन एकड़ तक पंजीयन कराने वाले किसानों की जमीन की जांच उप निदेशक कृषि या उनके प्रतिनिधि करेंगे. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि विकास अधिकारी/प्रखंड कृषि पदाधिकारी किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे. ग्रीष्मकालीन मूंग बीज वितरण की निगरानी उपसंचालक कृषि द्वारा की जायेगी.
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