देश में NPK और SSP खाद का उत्पादन 10 फीसदी तक बढ़ा, कच्चे माल की खपत में इजाफा, देखें आंकड़े  

देश में NPK और SSP खाद का उत्पादन 10 फीसदी तक बढ़ा, कच्चे माल की खपत में इजाफा, देखें आंकड़े  

भारतीय उर्वरक संघ के अध्यक्ष एन सुरेश कृष्णन ने कहा कि उर्वरक और कृषि क्षेत्र देश के आर्थिक विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए अहम हैं. उर्वरक कृषि विकास का अभिन्न अंग है, चाहे वह भारत में हो या दुनिया के किसी अन्य देश में. उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति के चलते तैयार उर्वरकों और कच्चे माल या मध्यवर्ती प्रोडक्ट की कीमतों में भी इजाफा देखा गया है.

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देश में NPK और SSP खाद का उत्पादन 10 फीसदी तक बढ़ा, कच्चे माल की खपत में इजाफा, देखें आंकड़े  यूरिया का आयात 34 फीसदी तो डीएपी का आयात 29 फीसदी घट गया है.

फसल उत्पादन के लिए देशभर में उर्वरकों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. भारतीय उर्वरक संघ (FAI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार देशभर में एनपीके उर्वरक और सिंगल सुपर फॉस्फेट का उत्पादन बढ़ा है. जबकि, एनपीके उर्वरक बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल एमओपी की बिक्री में 27 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. इसके साथ ही यूरिया का आयात 34 फीसदी तो डीएपी का आयात 29 फीसदी घट गया है. सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाली इन दोनों उर्वरकों के आयात में गिरावट को नेचुरल फॉर्मिंग और ऑर्गनिक खेती की ओर किसानों के बढ़ते झुकाव के असर के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय उर्वरक संघ (The Fertilizer Association of India) की सालाना मीट में उर्वरकों के उत्पादन, आयात और बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं. भारतीय उर्वरक संघ के अध्यक्ष एन सुरेश कृष्णन ने कहा कि उर्वरक और कृषि क्षेत्र देश के आर्थिक विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए अहम हैं. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 18 फीसदी योगदान देता है. इसी तरह उर्वरक कृषि विकास का अभिन्न अंग है, चाहे वह भारत में हो या दुनिया के किसी अन्य देश में. भारत दोनों मोर्चों पर अच्छी प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी और खाद्यान्न की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है. भू-राजनीतिक स्थिति के चलते तैयार उर्वरकों और कच्चे माल या मध्यवर्ती प्रोडक्ट की कीमतों में भी इजाफा देखा गया है. जलवायु परिवर्तन भी टिकाऊ खेती के लिए चुनौती बना हुआ है. 

उर्वरकों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी 

भारतीय उर्वरक संघ के अनुसार उर्वरकों के उत्पादन आंकडे़ अच्छे रहे हैं. अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान एनपी या एनपीके जटिल उर्वरकों के उत्पादन में 10.9 फीसदी का उछाल देखा गया है. जबकि, एसएसपी के उत्पादन में अप्रैल-अक्टूबर 2023 की तुलना में 7.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. हालांकि, इस अवधि के दौरान यूरिया के उत्पादन में 1.3 फीसदी गिरावट और डीएपी के उत्पादन में 7.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. 

यूरिया, डीएपी और एनपीके का आयात घटा 

उर्वरकों के आयात के मामले में अप्रैल से अक्टूबर 2024 के दौरान और अप्रैल से अक्टूबर 2023 की तुलना में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इस अवधि के दौरान यूरिया के आयात में 34.7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, डीएपी का आयात 29.8 फीसदी घट गया है. इसी तरह एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरकों के आयात में 9.9 फीसदी और एमओपी के आयात में 4.5 फीसदी की गिरावट आई है. 

डीएपी और एसएसपी बिक्री में गिरावट 

अप्रैल-अक्टूबर 2024 में उर्वरकों की बिक्री के मामले में अप्रैल-अक्टूबर 2023 की तुलना में यूरिया और एनपीके कॉम्पलेक्स उर्वरकों की बिक्री बढ़ी है. जबकि, डीएपी और एसएसपी उर्वरकों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है. डीएपी की बिक्री 25 फीसदी घटकर 56.9 लाख मीट्रिक टन रही है तो एसएसपी की बिक्र 11 फीसदी घटकर 29.4 लाख मीट्रिक टन दर्ज की गई है. भारतीय उर्वरक संघ के अनुासर अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान सभी उर्वरकों की कुल बिक्री 397.5 लाख मीट्रिक टन रही, जो अप्रैल-अक्टूबर 2023 की तुलना में 0.1% की मामूली बढ़त है. 

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