scorecardresearch
क्या हरियाणा में नकली बन रही है खाद और कीटनाशक, फसल के लिए खतरनाक दवाएं मिलने पर हो रही जांच

क्या हरियाणा में नकली बन रही है खाद और कीटनाशक, फसल के लिए खतरनाक दवाएं मिलने पर हो रही जांच

गुप्त सूचना के बाद कृषि उपनिदेशक पवन शर्मा ने एक विशेष टीम गठित की और फैक्ट्री पर छापा मारा. डिप्टी डायरेक्टर के नेतृत्व में टीम जब फैक्ट्री पहुंची तो मजदूर मौके से भाग गए. टीम ने मौके से 150 बोरी यूरिया, खाली डिब्बे जिनमें नकली सेल्फास टेबलेट पैक की जानी थी, फैक्ट्री से भारी मात्रा में तैयार टेबलेट के डिब्बे, निर्माण मशीनरी और पैकिंग मशीनें जब्त कीं.

advertisement
हरियाणा के सोनीपत जिले में नकली सेल्फास के टैबलेट बरामद. (सांकेतिक फोटो) हरियाणा के सोनीपत जिले में नकली सेल्फास के टैबलेट बरामद. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के सोनीपत जिले में कृषि विभाग की टीम ने नकली सेल्फास टैबलेट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. टीम ने शनिवार गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार अकबरपुर बरोटा गांव में नकली सेल्फोस टैबलेट बनाने वाली फैक्ट्री से भारी मात्रा में नकली सेल्फास टैबलेट और 150 बोरी यूरिया बरामद किया है. अब पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है. कहा जा रहा है कि अभी और बड़े खुलासे हो सकते हैं. 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्त सूचना के बाद कृषि उपनिदेशक पवन शर्मा ने एक विशेष टीम गठित की और फैक्ट्री पर छापा मारा. डिप्टी डायरेक्टर के नेतृत्व में टीम जब फैक्ट्री पहुंची तो मजदूर मौके से भाग गए. टीम ने मौके से 150 बोरी यूरिया, खाली डिब्बे जिनमें नकली सेल्फास टेबलेट पैक की जानी थी, फैक्ट्री से भारी मात्रा में तैयार टेबलेट के डिब्बे, निर्माण मशीनरी और पैकिंग मशीनें जब्त कीं. इसके अलावा फैक्ट्री और उसके गोदाम से 'यूपीएल' कंपनी मार्का वाली विभिन्न दवाओं के लगभग 700 कार्टन बरामद किए गए. टीम ने दवाओं के नमूने एकत्र कर लिए हैं. सूत्रों ने बताया कि यूनिट के पास दवा या सेल्फास बनाने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज या अनुमति नहीं थी.

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election Date: यूपी और बिहार में 7 चरणों में होगी वोटिंग, जानिए किस फेज में कहां होगा मतदान

33 सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे

बता दें कि बीते जनवरी महीने में खबर सामने आई थी कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले नौ महीनों में करनाल जिले में बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के 33 सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं. इस खुलासे से क्षेत्र में कृषि इनपुट्स की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. क्योंकि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. विभाग द्वारा सत्यापन के लिए कुल 436 सैंपल एकत्र किये गये थे. इनमें बीज के 165, उर्वरक के 96 और कीटनाशकों के 175 सैंपल शामिल हैं. बीज और उर्वरकों के नौ-नौ नमूने और कीटनाशकों के 15 नमूने घटिया या गलत ब्रांड वाले पाए गए हैं. 

11 व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित

इस खुलासे से क्षेत्र में कृषि इनपुट्स की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं, करनाल के उप निदेशक कृषि (डीडीए) डॉ वज़ीर सिंह ने कहा कि हम उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए समय-समय पर बीज, उर्वरक और कीटनाशकों के सैंपल एकत्र करते हैं. तब उन्होंने कहा था कि चालू वित्तीय वर्ष में 436 नमूनों में से 33 या तो घटिया या गलत ब्रांड वाले पाए गए. इसके लिए निर्माताओं को नोटिस भी जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा था कि विभाग ने कथित तौर पर अपने स्टॉक का रिकॉर्ड बनाए रखने में विफल रहने वाले 11 व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. 

ये भी पढ़ें-  क्‍यों दक्षिण को साधे बिना अधूरा रह जाएगा पीएम मोदी का 'अबकी बार 400 पार' का सपना