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गुलाब में टपक सिंचाई के साथ हर दिन दें ये खाद, पौधे पर खिलेंगे बड़े-बड़े फूल

गुलाब में टपक सिंचाई के साथ हर दिन दें ये खाद, पौधे पर खिलेंगे बड़े-बड़े फूल

अच्छी गुणवत्ता वाले फूलों और अधिक उपज के लिए गुलाब को बड़ी मात्रा में पोषण की आवश्यकता होती है. पोषण की सही मात्रा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मिट्टी का परीक्षण किया जाना चाहिए. पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए नाइट्रोजन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

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गुलाब की सफल खेती के लिए करें इस खाद का इस्तेमाल गुलाब की सफल खेती के लिए करें इस खाद का इस्तेमाल

भारत में गुलाब की खेती सभी राज्यों में की जा सकती है. आप इसकी खेती ग्रीनहाउस और पॉली हाउस में साल भर कर सकते हैं. गुलाब की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, बशर्ते मिट्टी उपजाऊ हो और उसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा अधिक हो. वहीं गुलाब के फूलों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में, घर को सजाने में और दूसरों को देने में भी किया जाता है. गुलाब की खेती का उपयोग ज्यादातर सजावट और सौंदर्य उत्पाद बनाने में किया जाता है. शादी के सीजन में गुलाब की मांग सबसे ज्यादा होती है. ऐसे में अगर आप भी गुलाब की खेती कर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो गुलाब के पौधों को ये खाद दें.

गुलाब के बड़े-बड़े फूलों के लिए करें ये काम

अच्छी गुणवत्ता वाले फूलों और अधिक उपज के लिए गुलाब को बड़ी मात्रा में पोषण की आवश्यकता होती है. पोषण की सही मात्रा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मिट्टी का परीक्षण किया जाना चाहिए. पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए नाइट्रोजन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब पौधों में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है तो इसकी पत्तियां हल्की हरी हो जाती हैं. गुलाब के पौधे नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में लेते हैं. फॉस्फोरस पौधों की जड़ों के विकास के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. फॉस्फोरस की पूर्ति के लिए इसे सुपर फॉस्फेट या कैल्शियम फॉस्फेट के रूप में दिया जा सकता है.

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इन खादों का करें इस्तेमाल

पोटाश गुलाब के फूलों की गुणवत्ता बढ़ाने और फफूंद जनित रोग पाउडर फफूंदी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत उपयोगी है. गुलाब के पौधों के लिए मैग्नीशियम, मैंगनीज, बोरान, सल्फर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व आवश्यक हैं. गुलाब के पौधों की वृद्धि और अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण फूलों के उत्पादन के लिए पोषक तत्वों को प्रतिदिन ड्रिप सिंचाई के पानी से देना चाहिए. पोषक तत्वों की कुल मात्रा का आधा हिस्सा फूल उत्पादन के दौरान देना चाहिए और जब पौधा सुप्त अवस्था में हो या फूल उत्पादन में न हो तो पोषक तत्वों की कुल मात्रा का आधा हिस्सा देना चाहिए. आमतौर पर गुलाब के पौधों के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश प्रत्येक का 200 पीपीएम का घोल अधिक फायदेमंद पाया गया है. मिट्टी का पीएच मान बढ़ने पर गुलाब की क्यारियों में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किया जा सकता है.

गुलाब की खेती से करें अच्छी  कमाई

गुलाब की खेती से यह कमाई 10 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा हो जाती है. आजकल युवाओं को रोजगार संकट का सामना करना पड़ रहा है. वह गुलाब की खेती कर घर बैठे हर महीने चालीस-पचास हजार रुपये कमा सकते हैं. प्रतिदिन 400 से 500 गुलाब आसानी से मिल जाते हैं. 10 हजार वर्ग फीट यानी एक बीघे के पॉलीहाउस में गुलाब का पौधा लगाने से लेकर पॉलीहाउस तैयार करने तक की लागत 16 लाख रुपये आती है. इसके रखरखाव पर हर महीने 8 हजार से 10 हजार रुपये खर्च होते हैं. बाजार में गुलाब 3 से 5 रुपये प्रति पीस बिकता है. जबकि खुदरा बाजार में यह 10 रुपये प्रति पीस है. प्रतिदिन 400 रुपए का उत्पादन यदि बाजार में 5 रुपए प्रति पीस के हिसाब से बेचा जाए तो प्रतिदिन की कमाई 2000 रुपए होती है, यानी महीने के 30 दिन में 60 हजार रुपए की कमाई. अगर आप खुदरा बाजार में बेचकर ज्यादा कमाई करते हैं तो यह आसानी से 1 लाख 20 हजार रुपये से लेकर 1 लाख 50 हजार रुपये तक हो सकती है.