हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि प्रदेश में किसी भी खाद की कोई कमी नहीं है. उन्होंने विपक्ष के खाद की कमी के आरोप को नकारते हुए कहा कि हरियाणा में खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं और 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की फसल के लिए आवश्यकतानुसार खाद उपलब्ध कराया जा रहा है. पिछले वर्ष 1 अक्टूबर से 9 नवंबर तक डीएपी की खपत 1,46,152 मीट्रिक टन थी इस बार 9 नवंबर, 2024 तक 1,54,540 मीट्रिक टन की खपत हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हरियाणा को नवंबर माह के लिए 1,10,200 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित किया है.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि आज के दिन DAP का स्टॉक 23118 मीट्रिक टन अलग-अलग जिलों में उपलब्ध है. अगले दो से तीन दिनों के भीतर राज्य के अलग-अलग जिलों में 9,172 मीट्रिक टन और डीएपी प्राप्त होगी. इसके अलावा, राज्य में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) का 71,281 मीट्रिक टन और एनपीके का 24,343 मीट्रिक टन का स्टॉक अब भी उपलब्ध है. उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वो किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दे.
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दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता सरकार के दावे पर सवाल उठा रहे हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा है कि एक और किसान डीएपी खाद के लिए आत्महत्या कर रहा है तो दूसरी ओर सीएम नायब सैनी दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में डीएपी खाद की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को सेटेलाइट से पता चल जाता है कि कौन कहां पर पराली जला रहा है तो सरकार को खाद के लिए लगी लंबी-लंबी कतारें दिखाई नहीं दे रही है?
उन्होंने कहा कि अगर खाद है तो किसानों को मिल क्यों नहीं रही है, कौन डीएपी का बैग ब्लैक में बेच रहा है? यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि उकलाना में एक किसान ने खाद न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर कोई किसान खाद, बीज, कीटनाशक के लिए आत्महत्या करता है तो सरकार के लिए इससे बड़ी कोई शर्म की बात नहीं हो सकती, किसान खाद के लिए चीख रहा है और शासन प्रशासन एक ही बात कहता है कि खाद की कोई कमी नहीं है अगर कमी नहीं है तो किसान को खाद मिल क्यों नहीं रही है, क्यों परेशान होकर किसान आत्महत्या कर रहा है?
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