स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में कार्यरत वैश्विक कंपनी बायर, राजस्थान के बारां, झालावाड़, बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिलों के गांवों में मक्का की खेती पर केंद्रित किसान कार्यशालाएं आयोजित कर रही है. इन कार्यशालाओं के जरिए किसानों को मक्का के भोजन, पशुओं के चारे और ईंधन के रूप में महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी. बायर की यह पहल छोटे किसानों को बेहतर पैदावार और अधिक आय कमाने में मदद करेगी.
भारत में मक्का (कॉर्न) खेती के लिए बहुत जरूरी फसल है. यह फसल खाने के लिए, जानवरों के चारे के लिए और फैक्ट्रियों में कई चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल होती है. मक्का लाखों किसानों की आमदनी का जरिया है और यह देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करती है. यह फसल हर तरह के मौसम और जमीन में उग सकती है, इसलिए यह टिकाऊ खेती के लिए भी अच्छी मानी जाती है. बायर कंपनी का मकसद है – "सबके लिए स्वास्थ्य और किसी को भूखा नहीं रहने देना." (हेल्थ फॉर ऑल, हंगर फॉर नन). यह उद्देश्य मक्का की ताकत से जुड़ा हुआ है. बायर किसानों को नई तकनीकें और तरीके सिखा कर उनकी फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद करता है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ती है और देश के लोगों को अच्छा पोषण और भरपूर खाना मिल पाता है.
ये इंटरैक्टिव कार्यशालाएं किसानों को उन्नत फसल प्रबंधन तकनीकों की पूरी जानकारी देंगी, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा और मृदा स्वास्थ्य भी बेहतर होगा. इसमें कृषि की सर्वोत्तम प्रथाओं का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे किसान नई तकनीकों को वास्तविक रूप में देख सकेंगे. साथ ही, वे उन किसानों की सफलता की कहानियाँ सुनेंगे जिन्होंने DEKALB हाइब्रिड्स का इस्तेमाल कर बेहतर उपज हासिल की है. विशेषज्ञ सतत कृषि तकनीकों के बारे में मार्गदर्शन देंगे, ताकि किसान मिट्टी की सेहत बनाए रखते हुए अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ा सकें. इसके अलावा, FarmRise ऐप के माध्यम से QR कोड आधारित पुरस्कार प्रणाली किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी और उन्हें बेयर के कृषि नेटवर्क से जुड़ने का अवसर मिलेगा.
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इस पहल पर बात करते हुए, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में बायर के क्रॉपसाइंस डिवीज़न के क्लस्टर कमर्शियल लीड, मोहन बाबू ने कहा, "बायर में, हम मक्का किसानों को बदलते कृषि परिदृश्य में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण, प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने में विश्वास करते हैं. खरीफ, भारत के कुल मक्का उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मौसम के दौरान पैदावार बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें. अपनी कार्यशालाओं के माध्यम से, हम उत्पादकों को नवाचार अपनाने, उत्पादकता बढ़ाने और मक्का मूल्य श्रृंखला की गतिशील आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बना रहे हैं. राजस्थान जैसे प्रमुख राज्यों में मक्का उत्पादन का समर्थन करके, बायर भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में सार्थक योगदान देने का प्रयास करता है."
कार्यशालाओं में किसान DEKALB के खरीफ हाइब्रिड्स के बारे में भी जानेंगे, जो अलग-अलग बुवाई की स्थितियों में अच्छे से उगते हैं, टिकाऊ होते हैं और उच्च गुणवत्ता वाले अनाज देते हैं. ये हाइब्रिड्स किसानों को लंबे समय तक लाभ और स्थिरता देने के लिए बनाए गए हैं, जिससे उनका उत्पादन बढ़ सके. DEKALB के इन हाइब्रिडस में 65-70% स्टार्च और 8-9% प्रोटीन होता है, जो डिस्टिलरी और पोल्ट्री फीड उद्योगों के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इनसे उच्च गुणवत्ता का एथनॉल और पोल्ट्री फीड बनाया जा सकता है.
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व्यावहारिक शिक्षा और कृषि विशेषज्ञों के साथ सीधा संपर्क करके, बायर किसानों को सशक्त बना रहा है, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें और भारत के कृषि क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले. अधिक जानकारी के लिए और महोत्सव में भाग लेने के लिए किसान टोल-फ्री नंबर हैलो बायर: 1800-120-4049 पर कॉल कर सकते हैं.
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