UP: किसानों से यूरिया की अधिक कीमत लेने वालों पर होगा एक्शन, ACS कृषि ने जारी किए निर्देश

UP: किसानों से यूरिया की अधिक कीमत लेने वालों पर होगा एक्शन, ACS कृषि ने जारी किए निर्देश

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी ने सभी उर्वरक आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास उपलब्ध उर्वरकों का स्टॉक मात्रा एवं मूल्य सूची प्रदर्शित करना सुनिश्चित करें.

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UP: किसानों से यूरिया की अधिक कीमत लेने वालों पर होगा एक्शन, ACS कृषि ने जारी किए निर्देशखाद विक्रेताओं पर अब राज्य सरकार सख्त

लखनऊ. योगी सरकार की कोशिश है कि खाद की किल्लत न हो और किसानों को निर्धारित दर पर यूरिया और अन्य उर्वरक मिल सके. इसी कड़ी में गुरुवार को अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी ने सभी जनपदो में कृषकों को सुगमतापूर्व निर्धारित दर पर गुणवक्तायुक्त उर्वरक उपल्ब्ध कराए जाने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक साप्ताहिक रूप से कराई जाए. वहीं सामान्य स्टॉक की उपल्बधता न होने की दशा में जनपद में किसानों के मांग के आधार पर प्रिपोजिशनिंग स्टॉक को तत्काल अवमुक्त किया जाए. अपर मुख्य सचिव कृषि ने निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई थोक व्यापारी स्थानीय स्तर पर अनावश्यक भंडारण करके कृतिम अभाव की स्थिति उत्पन्न कराता हो तो उसके विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही किया जाए.

चतुर्वेदी ने कहा कि उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा उर्वरक के साथ जबरन किसी भी प्रकार के कोई अन्य उर्वरक अथवा उत्पाद की टैगिंग न किया जाए, यदि ऐसा पाया जाए तो तत्काल उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही किया जाए.

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी
अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी

कोई विक्रेता यूरिया उर्वरक की बिक्री निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर करता हुआ पाया जाए तो उसके विरुद्ध उर्वरक आदेश 1985, एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए.

बुवाई का क्षेत्र बढ़ने से उर्वरकों की मांग ज्यादा

उन्होंने बताया कि इस साल रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्र बढ़ने से उर्वरकों की मांग ज्यादा बढ़ी है. किसानों को मांग के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

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लेकिन कुछ कम्पनियों और उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ सल्फर, नैनो यूरिया, हरबीसाईड, पेस्टीसाईड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण जैसे अन्य उत्पादों की टैगिंग कर बेचने की शिकायत मिली हैं. ऐसा करना एफसीओ, 1985 एवं उर्वरक संचलन आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 का स्पष्ट उल्लंघन है.

सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए

इस संबंध में केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने भी टैगिंग नहीं करने तथा टैगिंग करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे. अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी ने सभी उर्वरक आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास उपलब्ध उर्वरकों का स्टॉक मात्रा एवं मूल्य सूची प्रदर्शित करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो एफसीओ, 1985 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

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