वर्तमान में खरीफ सीजन की बुवाई चल रही है. किसान धान सहित सीजन की अन्य प्रमुख फसलों की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन करनाल के किसानों ने खाद की खरीद को लेकर चिंता जताई है. किसानों का आरोप है कि प्राइवेट खाद डीलर उन्हें जबरन डीएपी और यूरिया के साथ नैनो यूरिया और अन्य रसायन एड-ऑन के तौर पर साथ में खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इससे उनकी प्रति बैग इनपुट लागत में 200-400 रुपये की बढ़ाेतरी हो रही है.
‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान सौरभ ने कहा कि डीएपी और यूरिया की कीमतें नियंत्रित होने पर भी हमारे पास केवल उन्हें अकेले खरीदने का विकल्प नहीं है. व्यापारी किसानों से अतिरिक्त पैसा वसूलने के लिए पोषक तत्व और केमिकल खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. अगर हम अतिरिक्त रसायन/पोषक तत्व नहीं खरीदते हैं तो वे यूरिया/डीएपी बेचने से मना कर देते हैं. किसान ने कहा कि यह ठीक नहीं है और इससे हमें आर्थिक नुकसान हो रहा है.
एक अन्य किसान नीरज ने भी आरोप लगाया कि हमें अतिरिक्त पैसे खर्चकर जबरन दूसरे खाद उत्पाद भी खरीदने पड़ रहे हैं. किसान ने कहा कि हम खुले बाजार में अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से यूरिया-डीएपी सकते हैं. साथ में अतिरिक्त चीजें जोड़ने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए. किसान ने कहा कि अफसरों को इसे लेकर एक्शन लेना चाहिए.
वहीं, मामले को लेकर कृषि उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि खरीफ सीजन के लिए खाद की सप्लाई पर्याप्त है. जिले में 5.3 लाख एकड़ क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो रही है. इसमें 4.5 लाख एकड़ में धान और 42,000 एकड़ में गन्ना की बुवाई होगी. इसके लिए करीब 95,000 मीट्रिक टन यूरिया और 20,000 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है. उन्होंने बताया कि डीएपी की सप्लाई लगभग पूरी हो चुकी है और 51,000 मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया बिक चुका है.
अतिरिक्त उत्पाद बेचे जाने की शिकायत पर डॉ. वजीर सिंह ने कहा कि उपायुक्त उत्तम सिंह ने एसडीएम, तहसीलदार, कृषि अधिकारी और पौध संरक्षण अधिकारी की सदस्यता वाली उप-मंडल निगरानी समितियां बनाई हैं. करनाल और असंध में औचक निरीक्षण के बाद छह डीलरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और गड़बड़ी के लिए चार डीलरों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यापारी किसानों को गैर जरूरी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करता है किसान हमें तुरंत इसकी जानकारी दें. इसके लिए हमने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today