बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर राज्य में उर्वरक की बिक्री की सघन निगरानी और जांच अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को निर्धारित मूल्य, मात्रा और क्वालिटी के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध कराना और कालाबाज़ारी, मुनाफाखोरी और अनियमित बिक्री पर रोक लगाना है. इसी कड़ी में अलग-अलग खाद दुकानों पर लगातार छापेमारी और निरीक्षण किए जा रहे हैं. अनियमितता पाए जाने पर दुकानों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कठोर कार्रवाई की जा रही है, ताकि किसानों के हितों की सुरक्षा हो सके.
तरैया के किसान मुकेश कुमार यादव और अन्य किसानों ने 06 अगस्त को डिजिटल मीडिया के माध्यम से एक शिकायत की थी. शिकायत में बताया था कि उर्वरक प्रतिष्ठान में. कुशवाहा खाद बीज भंडार, पोखरेड़ा बाजार, तरैया में यूरिया उर्वरक निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच प्रयोगशाला, सारण, छपरा और कृषि समन्वयक-सह-उर्वरक निरीक्षक, पंचायत चंचलिया, प्रखंड तरैया को संयुक्त रूप से जांच करने का निर्देश दिया गया.
संयुक्त जांच दल ने उस दुकान पर पहुंचकर निरीक्षण किया और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद यह पाया गया कि दुकान की ओर से उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 की कंडिका 3(3)/आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7(1)(a)(II) का उल्लंघन किया गया है. इसे देखते हुए में. कुशवाहा खाद बीज भंडार, पोखरेड़ा बाजार, तरैया, लाइसेंस संख्या D-SL21913092364835, आईडी संख्या 1451753 को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है.
इस कार्रवाई के बाद सरकार ने कहा है कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उर्वरक की कालाबाज़ारी, मुनाफाखोरी या निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर बिक्री जैसे मामलों में 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई गई है. राज्य के सभी उर्वरक विक्रेताओं को चेतावनी दी गई कि वे निर्धारित मूल्य, मात्रा और क्वालिटी के मानकों का सख्ती से पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई की जाएगी.
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे उर्वरक खरीदते समय रसीद जरूर लें और यदि किसी विक्रेता द्वारा अधिक मूल्य वसूला जाए या क्वालिटी में गड़बड़ी पाई जाए, तो इसकी सूचना तुरंत जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय या विभागीय हेल्पलाइन नं.- 0612-2233555 और व्हाट्सऐप नं. 7766085888 पर दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और किसानों के अधिकारों की रक्षा हो सके.
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