Exclusive: शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद बायोस्टिमुलेंट को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी, जानिए इसमें नया क्या है?

Exclusive: शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद बायोस्टिमुलेंट को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी, जानिए इसमें नया क्या है?

बायोस्टिमुलेंट को लेकर केंद्र सरकार ने नया नोटिफिकेशन जारी किया है. इसे लेकर विवाद चल रहा था. 2021 में फर्टि‍लाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल कर सरकार ने प्रोविजनल सर्टिफिकेट देना शुरू किया था. अब इसके स्थायी रजिस्ट्रेशन के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि अलग-अलग फसलों पर इसके टेस्टिंग और ट्रॉयल प्रोटोकॉल क्या होंगे.

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शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद बायोस्टिमुलेंट को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी, जानिए इसमें नया क्या है?बायोस्टिमुलेंट को लेकर श‍िवराज स‍िंह चौहान सख्त.

फसलों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और उनमें पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने के नाम पर किसानों को बेचे जाने वाले बायोस्टिमुलेंट को लेकर केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. बायोस्टिमुलेंट पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बार-बार जाहिर की जाने वाली नाराजगी के बाद आया यह नोटिफिकेशन बेहद महत्वपूर्ण है. नोटिफिकेशन में इसके स्थायी रजिस्ट्रेशन को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है. इसको लेकर अलग-अलग फसलों से संबंधित टेस्टिंग और ट्रायल प्रोटोकॉल भी बताए गए हैं. ट्रायल और उसके अच्छे र‍िजल्ट के ब‍िना कोई भी कंपनी बायोस्टिमुलेंट बनाने के लिए रजिस्ट्रशन नहीं करवा पाएगी. ट्रॉयल के आधार पर स्थायी रज‍िस्ट्रेशन होगा. यानी अब बायोस्टिमुलेंट के नाम पर क‍िसानों से धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी, क्योंक‍ि इसे वैज्ञानिक जांच के बिना नहीं बेचा जा सकेगा. 

सरकार ने 2021 में बायोस्टिमुलेंट को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO) में शामिल किया था. तब से इसे बनाने वालों को प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया जा रहा था. लेकिन अब स्थायी रजिस्ट्रेशन होगा. हालांकि टेस्टिंग रिजल्ट के आधार पर उसका फॉर्मुलेशन क्या है, यह बताना होगा. सरकार ने इसके लिए एक टेक्निकल कमेटी बनाई थी जिसके सुझावों को गौर करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी हुआ है. चौहान द्वारा इस पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद कई कंपन‍ियां और उद्योग संगठन बेचैन थे. लेक‍िन, चौहान ने कहा था क‍ि कंपन‍ियों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी.  

बायोस्टिमुलेंट का नोटिफिकेशन

शिवराज ने दिखाई सख्ती

विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया था कि खाद बेचने वाले उन्हें जबरन बायोस्टिमुलेंट देकर खाद के साथ उसका भी पैसा वसूलते हैं. जबकि यह कारगर नहीं है. इसके बाद चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि बायोस्टिमुलेंट बाज़ार में क्यों मौजूद हैं, जबकि खेतों से मिली शिकायतों से पता चलता है कि वे अप्रभावी हैं.

उन्होंने कहा, "किसानों के लिए ये कितने उपयोगी हैं, इसका आकलन करने के लिए इनकी पूरी समीक्षा ज़रूरी है. अगर ये किसानों के लिए मददगार नहीं हैं, तो इन्हें बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए." उन्होंने आगे चेतावनी दी कि कई कंपनियों ने बिना किसी योग्यता के बायोस्टिमुलेंट बेचना शुरू कर दिया है और कहा, "कृषि मंत्री होने के नाते, मैं इसे किसी भी कीमत पर जारी नहीं रहने दूंगा."

कृषि मंत्री ने बायोस्टिमुलेंट के नाम पर किसानों के साथ हो रही बेईमानी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी. उन्‍होंने सख्‍त हिदायत दी कि वह देश के कृषि मंत्री रहते हुए किसानों के साथ कोई बेईमानी नहीं होने देंगे. इस दौरान चौहान ने असफरों से कई सवाल किए और बहुत से जरूरी आंकड़े भी दिए. 

चौहान ने कहा कि कुछ सालों तक बाजार में 30 हजार बायोस्टिमुलेंट उत्पाद बाजार में बिक रहे थे और अफसर आंखें बंद करके देख रहे थे. वहीं, 4 साल से करीब 8 हजार बायोस्टिमुलेंट बिकते रहे, जब मैंने इस बारे में सख्ती की तो अब तकरीबन 650 बायोस्टिमुलेंट ही बचे हैं. शिवराज सिंह ने कहा- ऐसा तमाशा नहीं करें, जिससे किसानों को नुकसान हो.

बायोस्टिमुलेंट क्‍या है?

बायोस्टिमुलेंट जैविक या प्राकृतिक पदार्थ होते हैं, जो पौधों को स्वस्थ रखने, पोषक तत्वों को अच्छे से सोखने, जलवायु और जैविक तनाव- जैसे सूखा, अत्यधिक बारिश, खारापन आदि से लड़ने में मदद करते हैं. इनसे पौधों की वृद्धि, उत्पादन क्षमता और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है. ऐसा इसे बनाने वाली कंपन‍ियां दावा करती रही हैं. हालांक‍ि, बायोस्टिमुलेंट खाद (fertilizer) या कीटनाशक (pesticide) नहीं होते हैं. 

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